Covid19:जिस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लिए ट्रंप ने हंगामा मचाया, CIA ने उसके खिलाफ चेताया
नई दिल्ली- पिछले हफ्ते भारत से मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने खूब बवाल काटा था। लेकिन, अब लग रहा है कि वो इस दवा को मंगवाने के लिए शायद जरूरत से कुछ ज्यादा ही बेसब्री दिखा रहे थे। क्योंकि, कुछ स्टडी में कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कारगर साबित होने की उम्मीद तो जताई गई है, लेकिन खुद अमेरिकी एजेंसियां और विशेषज्ञ इसे कोविड-19 के इलाज के लिए अपनाने से पहले पूरी तरह जांच-परख लेना चाहते हैं। एक अमेरिकी अखबार में छपी खबर से सवाल उठ रहे हैं कि जब अमेरिका की बड़ी खुफिया एजेंसी के मन में ही इस दवा को लेकर कई तरह के सवाल थे तो ट्रंप बच्चों की तरह उतावले क्यों नजर आने लगे थे।
सीआईए ने अपने कर्मचारियों को चेताया
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अपने कर्मचारियों को मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने से आगाह किया है। वॉशिंगटन पोस्ट की एक खबर के मुताबिक सीआईए ने कहा है कि इस दवा के गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, यहां तक की मौत भी हो सकती है। गौरतलब है कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे कोरोना वायरस के इलाज के लिए सक्षम दवा मानते हुए भारत से इसे मंगवाने के लिए भारी दबाव बनाने की कोशिश की थी। ट्रंप ही नहीं दुनिया के कई और देशों ने मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इस दवा की सप्लाई के लिए भारत के सामने गुहार लगाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक सीआईए ने पिछले महीने के अंत में ही इस तरह की चेतावनी अपनी वेबसाइट पर अपने कर्मचारियों के लिए डाल दी थी कि बिना सोचे-समझे और बिना डॉक्टरी सलाह के इसे लेने की गलती न करें।
डॉक्टरों की सलाह पर ही खाने की हिदायत दी
जानकारी के मुताबिक जब एक कर्मचारी ने सीआईए से पूछा कि क्या उन्हें बिना डॉक्टरी सलाह के यह दवा लेनी चाहिए। इस पर सीआईए की ओर से जवाब दिया गया कि 'इस समय तक इस दवा को मरीजों के इस्तेमाल के लिए सलाह नहीं दी गई है, सिर्फ जारी अनुसंधानों के लिए मेडिकल प्रोफेशनलों की ओर से इसे नुस्खे में दिया जा रहा है। इसके बहुत ही गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें अचानक हृदयाघात से होने वाली मौत शामिल है, मरीजों के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल सोच-समझकर और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की देखरेख में होना चाहिए।' सीआईए ने अपनी वेबसाइट पर अपने कर्मचारियों के लिए मोटे अक्षरों में चेतावनी भी लिखी कि, 'प्लीज इस दवा का इस्तेमाल आप खुद से मत कीजिए।' वेबसाइट में ये भी लिखा गया है कि इस दवा के बारे में मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कोविड-19 के खिलाफ यह कारगर हो सकता है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से कोविड-19 के इलाज पर स्टडी जारी
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा को 'गेम चेंजर' बताया है और मीडिया के सामने उम्मीद जताई है कि इसके कुछ अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। सोमवार को उन्होंने यहां तक दावा किया कि 'हाल ही में मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा था कि उन्हें इस दवा से फायदा हुआ है, इसलिए कौन जानता है?' बता दें कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का आमतौर पर मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होता है। साथ ही ल्यूपस और रुमेटॉयड गठिया में भी इसका उपयोग होता है। दरअसल, कई जगह पर शुरुआती अध्ययनों में इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज में भी कारगर बताया गया है, लेकिन इसको लेकर अभी कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में ट्रंप के कोरोना वायरस टास्क फोर्स के एक अहम सदस्य एंथनी फउसी ने कहा था कि यह कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगा कि कोरोना वायरस के इलाज में यह दवा कितनी कारगर है।
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