'कोरोना के मामले शून्य हो जाएंगे', ऐसा कभी नहीं कहा, गलतफहमी के लिए माफी- नीति आयोग सदस्य
नई दिल्ली। अप्रैल माह में नीति आयोग की तरफ से एक प्रेस ब्रीफिंग में प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया गया था कि 16 मई तक कोरोना में मामले शून्य हो सकते हैं। अब इसपर आयोग की तरफ से सफाई आई है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की तरफ से ऐसा कभी नहीं कहा गया है कि किसी निश्चित तारीख तक कोरोना वायरस के मामले शून्य हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस संबंध में आयोग द्वारा किसी भी तरह की कोई गलतफहमी हुई है तो वो माफी चाहते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए वीके पॉल ने कहा कि जो ग्राफ उस समय पेश किया गया था वो गणितीय आंकड़ो पर आधारित था और ग्राफ में कहीं भी शून्य शब्द का जिक्र नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं गलतफहमी के लिए माफी चाहता हूं क्योंकि जैसा समझा गया उसका वैसा अर्थ नहीं था। पॉल ने कहा कि लॉकडाउन एक विशेष कोशिश है लेकिन यह असीमित समय तक के लिए नहीं चल सकता। यह एक उद्देश्य के तहत था और एक हद तक उस उद्देश्य को प्राप्त किया गया।
उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति लौटनी चाहिए और लोगों की आजीविका का भी सवाल है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है जिसकी मियाद 31 मई को पूरी हो रही है। लड़खड़ाती अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार की तरफ से 25 मई से घरेलू उड़ानों का संचालन शुरू किया जा रहा है। 1 जून से ट्रेनों के चलने का भी ऐलान है।
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