कोरोना के बाद हो रहे फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के चलते ज्यादा मौतें: एम्स डायरेक्टर
फंगल इंफेक्शन के चलते हो रहीं ज्यादा मौतें: एम्स डायरेक्टर
नई दिल्ली, 15 मई: एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। शनिवार को उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में इंफेक्शन रोकने के लिए प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। यह देखा जा रहा है कि सेंकेंडरी इंफेक्शन, फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन ज्यादा मृत्यु दर का कारण बन रहे हैं।
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एम्स डायरेक्टर ने कहा कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाए जाते हैं। लेकिन ये आमतौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं। कोरोना से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे। अब कोरोना के चलते बड़ी संख्या में इसके मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि एम्स में इस फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है। उनमें से 20 मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं और बाकी तीन को कोरोना नहीं है। वहीं अलग-अलग राज्यों में 500 से ज्यादा मामले ब्लैक फंगस के मिले हैं।
डॉ गुलेरिया ने कहा है कि यह रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) चेहरे, नाक, आंख की कक्षा या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जिससे आंख कमजोर हो सकती है या रोशनी भी जा सकती है।वहीं ये यह फेफड़ों में भी फैलता है। उन्होंने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस के पीछे स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी एक प्रमुख कारण है अगर स्टेरॉयड लेने वाले किसी शख्स को मधुमेह होता है या कोरोना संक्रमण होता है तो उसको फंगल इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात जहां कोविड मामले काफी ज्यादा है, यहां पिछले 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों में कमी आई है। तमिलनाडु में पिछले 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी हुई है। देश में 11 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से भी ज्यादा सक्रिय मामले हैं। 8 राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है। 17 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है।