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भारतीय कंपनी ने शुरू किया कोविड-19 की वैक्‍सीन का ट्रायल, सिर्फ नाक में डालनी होंगी कुछ बूंदे

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी जो दुनियाभर में अब तक 15 लाख लोगों को संक्रमित कर चुकी है, उसकी वैक्‍सीन तैयार करने में दुनियाभर के वैज्ञानिक दिन-रात एक किए हुए हैं। अमेरिका के अखबार वॉल स्‍ट्रीट जनरल ने खबर दी है कि इस समय कोविड-19 की 140 प्रयोगात्‍मक दवाईयों पर ट्रायल जारी है। इनमें से 11 क्‍लीनिकल ट्रायल्‍स के अलग-अलग चरणों में हैं। भारत में भी इस महामारी की वैक्‍सीन को तैयार करने का काम चल रहा है।

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इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगी वैक्‍सीन

अखबार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक हैदराबाद स्थित वैक्‍सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक कोविड-19 की इंट्रा नेसल ड्रॉप यानी नाक में डालने वाली वैक्‍सीन को डेवलप करने पर काम कर रही है। कंपनी ने अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्‍कोनसिन-मैडीसन और वैक्‍सीन डेवलपर फ्लूजेन के साथ मिलकर इसकी टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया है। यह खबर ऐसे समय में आर्इ है जब पुणे स्थित सीरम इंस्‍टीट्यूट की तरफ से उम्‍मीद जताई गई है कि इस साल के अंत में वह वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर देगा। भारत बायोटेक ने भी आशा जताई है कि उसकी कोरो फ्लू वैक्‍सीन इस साल के अंत में ह्यूमन ट्रायल के लिए मौजूद होगी। कंपनी के चेयरमैन और एमडी डॉक्‍टर कृष्‍णा एला ने सीएनबीसी को दिए इंटरव्‍यू में कहा है कि वैक्‍सीन के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम पूरा हो चुका है।

क्‍यों लेनी पड़ी अमेरिका की मदद

फिलहाल जानवरों पर इसका ट्रायल चल रहा है। उन्‍होंने कहा, 'हम अभी जानवरों के ट्रायल पर नजरें लगाए हुए हैं क्‍योंकि वैक्‍सीन में कुछ समस्या है। ऐसे में आपको एनिमल टेस्टिंग में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है।' ऐला ने कहा कि कंपनी ने नेसल स्‍ट्रैटेजी को इसलिए चुना है क्‍योंकि फ्लू और कोविड-19 जैसी बीमारी नाक से शुरू होती है और फिर फेफड़े तक पहुंच जाती है। ऐसे में नाक में मौजूद म्‍यूकोसल की रोग प्रतिरोधात्‍मक क्षमता को बढ़ाना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि जानवरों पर टेस्टिंग को अभी दो से तीन माह का समय लगेगा क्‍योंकि यह तय करना होगा कि सबकुछ ठीक है या नहीं। उन्‍होंने कहा कि टेस्टिंग में जिस तरह से जानवरों की जरूरत होती है, वह भारत में नहीं हैं और इसलिए इसमें अमेरिकी यूनिवर्सिटी की मदद लेनी पड़ी। अगर जानवरों को निर्यात किया जाता तो फिर उसमें एक साल का समय और लग जाता। ऐसे में देश में ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट को अंजाम दिया गया।

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English summary
Coronavirus: Bharat biotech to begin human trials of nasal drop vaccine in 4 months.
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