Coronavirus: जापान में खड़े जहाज में एक और भारतीय हुआ संक्रमित, सरकार से लगाई जान बचाने की गुहार
नई दिल्ली। अब तक का सबसे खतरनाक महामारी बनकर सामने आए कोरोना वायरस ने दुनियाभर के देशों को आतंकित कर रखा है। चीन के वुहान शहर में पाए गए इस वायरस से करीब 1200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस महामारी ने जापान में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। जापान के योकोहामा में डायमंड प्रिंसेज शिप पर पिछले दिनों कोरोना वायरस के 66 नए मामले सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार को जापान में भारतीय दूतावास ने बताया कि शिप में मौजूद भारतीय चालकदल में भी यह वायरस फैल रहा है। भारतीय दूतावास ने तीसरे भारतीय के संक्रमित होने की पुष्टी की है।
तीसरा भारतीय चालक दल हुआ संक्रमित
जापान में भारतीय दूतावास ने बताया कि जापान के तट पर फंसे जहाज डायमंड प्रिंसेस के एक और भारतीय चालक दल के सदस्य में कोविड -19 (कोरोना वायरस) का सकारात्मक संक्रमण पाया गया है। हाल ही में शिप में मौजूद दो अन्य भारतीय चालकों में कोरोना वायरस की पुष्टी की गई थी। भारतीय दूतावास डायमंड प्रिंसेस में मौजूद सभी भारतीय चालक सदस्यों के संपर्क में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार तक डायमंड प्रिंसेस में मौजूद 218 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टी की जा चुकी है। इसमें तीन भारतीय नागरिक शामिल हैं जो इसके चालक दल के सदस्य हैं।
दूतावास ने किया भारतीयों से संपर्क
क्रू मेंबर में शामिल अनबालागन ने बताया है कि भारतीय दूतावास ने उनसे संपर्क किया है। दूतावास के अधिकारियों ने भी भरोसा दिलाया है कि कोई भी जरूरत पड़ने पर उन्हें मदद जरूर दी जाएगी। अनबालागन तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया है कि क्रूज मैनेजमेंट की तरफ से जरूरत की हर चीज जैसे थर्मामीटर, पानी, मास्क और सैनिटाइजिंग नैपकिंस क्रू को दिए गए हैं। इसके अलावा उनसे वादा भी किया गया है कि अगले 10 दिनों के अंदर वह घर चले जाएंगे।
जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ रहे भारतीय
अनबालागन के अलावा एक और भारतीय जिनका नाम बिनय कुमार है, उनका वीडियो भी थोड़े दिन पहले आया था। बिनय कुमार एक शेफ हैं और उन्होंने अपने वीडियो में कहा था कि उन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं है कि वे जिंदा बचेंगे भी या नहीं। बिनय ने कहा था, 'इस बात का डर है कि हमारी नौकरी जा सकती है या फिर हमें दूसरी नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि हम प्रोटोकॉल तोड़ने के दोषी हैं। लेकिन सवाल यह है कि प्रोटोकॉल फॉलो करने का क्या मतलब जब हमें पता नहीं है कि हम जिंदा बचेंगे या नहीं।'
यह भी पढ़ें: टेलीकॉम कंपनियों ने की आदेश की अनदेखी तो जज को आया गुस्सा, बोले- देश में कोई कानून बचा है या SC बंद कर दें?