पीएम मोदी के दीया जलाने की अपील पर बोलीं आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान, ये एक बड़ा मौका
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक विडियो संदेश जारी कर देशवासियों से पांच अप्रैल यानी रविवार को रात नौ बजे घर की सभी लाइटों को नौ मिटन तक बंद करने और दीप जलाने की अपील की है। इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसको लेकर आलिया भट्ट की मां एक्टर सोनी राजदान ने भी ट्वीट किया है। खास ये है कि राजदान ने इस पर कोई पक्ष ना लेते हुए एक अलग बात कही है।
ये एकजुटता का मौका
सोनी राजदान ने अपने ट्वीट में लिखा, कुछ लोग मोमबत्ती और दीया जलाने वाली बात पर पीएम नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाएंगे तो कई लोग इसे मास्टरस्ट्रोक कहना शुरू कर देंगे। मैं कहती हूं कि ये एक कौम के तौर पर साथ आने का बढ़िया तरीका है। वो भी ऐसे वक्त में जब हम अकेले और डरे हुए महसूस कर रहे हैं। वैसे भी इसमें गलत क्या हो सकता है? उन सभी के बारे में सोचिए, जो अकेले हैं।
कई बॉलीवुड सितारों ने दी है पीएम की अपील पर प्रतिक्रिया
पीएम मोदी के शुक्रवार सुबह संदेश जारी करने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बॉलीवुड से भी इस अलग-अलग तरह के सैकड़ों रिएक्शन आ चुके हैं। अनुराग कश्यप, प्रसून जोशी, तापसी पन्नू समेत कई लोग इस पर लिख चुके हैं।
एम्स के डॉक्टर ने पीएम मोदी से लगाई गुहार- 'हम हर मिनट PPE मांग रहे हैं, हमारे मन की बात भी सुनिए'
ये कहा है प्रधानमंत्री ने
प्रधानमंत्री
ने
वीडियो
संदेश
में
कहा
है,
इस
रविवार
यानी
5
अप्रैल
को
हम
सबको
मिलकर
कोरोना
के
संकट
के
अंधकार
को
चुनौती
देनी
है।
उसे
प्रकाश
की
ताकत
का
परिचय
कराना
है।
इस
पांच
अप्रैल
को
हमें
130
करोड़
देशवासियों
की
महाशक्ति
का
जागरण
करना
है।
130
करोड़
लोगों
के
महासंकल्प
को
नई
ऊंचाइयों
पर
ले
जाना
है।
5
अप्रैल
को
रात
नौ
बजे
आप
सबके
नौ
मिनट
चाहता
हूं।
पांच
अप्रैल
को
रविवार
को
रात
नौ
बजे,
घर
की
सभी
लाइटें
बंद
करके,
घर
के
दरवाजे
या
बालकनी
में
खड़े
रहकर
नौ
मिनट
तक
मोमबत्ती,
दीया
या
टॉर्च
या
मोबाइल
की
फ्लैशलाइट
जलाएं।
पीएम
मोदी
ने
कहा,
उस
प्रकाश
में,
उस
रोशनी
में,
उस
उजाले
में,
हम
अपने
मन
में
ये
संकल्प
करें
कि
हम
अकेले
नहीं
हैं,
कोई
भी
अकेला
नहीं
है।
130
करोड़
देशवासी,
एक
ही
संकल्प
के
साथ
कृतसंकल्प
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
मेरी
एक
और
प्रार्थना
है
कि
इस
आयोजन
के
समय
किसी
को
भी
कहीं
पर
भी
इकट्ठा
नहीं
होना
है।
रास्तों
में,
गलियों
या
मोहल्लों
में
नहीं
जाना
है,
अपने
घर
के
दरवाजे
या
बालकनी
से
ही
इसे
करना
है।