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कोरोना वायरस की मार कोलकाता के रेडलाइट इलाके सोनागाछी पर भी

एशिया में यौन कर्मियों के सबसे बड़े बाज़ार कोलकाता के सोनागाछी में कभी भी सन्नाटा नहीं होता था. लेकिन कोरोना वायरस का खतरा सामने आने के बाद यहां सन्नाटे का आलम है. क्या दिन और क्या रात...सब समान है. इससे यहां रहने वाली यौनकर्मियों के सामने भूखों मरने की नौबत आई है. कई यौनकर्मियां घरों के किराए तक नहीं दे पा रही हैं. कोलकाता में इन यौनकर्मियों के संगठन 

By प्रभाकर मणि तिवारी
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सोनागाछी
Getty Images
सोनागाछी

एशिया में यौन कर्मियों के सबसे बड़े बाज़ार कोलकाता के सोनागाछी में कभी भी सन्नाटा नहीं होता था. लेकिन कोरोना वायरस का खतरा सामने आने के बाद यहां सन्नाटे का आलम है. क्या दिन और क्या रात...सब समान है.

इससे यहां रहने वाली यौनकर्मियों के सामने भूखों मरने की नौबत आई है. कई यौनकर्मियां घरों के किराए तक नहीं दे पा रही हैं. कोलकाता में इन यौनकर्मियों के संगठन दुर्बार महिला समन्व्य समिति (डीएमएसएस) का कहना है कि पहले जहां इलाके में रोजाना 35 से 40 हजार ग्राहक आते थे वहीं अब यह तादाद घट कर पांच सौ से भी कम गई है.

इससे देह व्यापार के जरिए रोजी-रोटी चलाने वाली महिलाओं को भारी दिक्कत हो रही है. इसके अलावा यहां इस पेशे की वजह से हजारों एजेंटों, रिक्शावालों और दुकानदारों की रोजी-रोटी भी चलती थी. लेकिन अब सब ठप है.

इलाके में मकानों के किराए पांच हजार से 75 हजार तक हैं. लेकिन जब दो जून की रोटी के लाले पड़े हों तो किराए के बारे में कौन सोचता है. कोरोना वायरस ने पहली बार इस सदाबहार लालबत्ती इलाके के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है.

सोनागाछी
Sanjay Das
सोनागाछी

संक्रमण से सुरक्षा का उपाय

पश्चिम बंगाल की लगभग पांच लाख यौनकर्मियों के सामने ऐसे ही मुश्किल परिस्थिति मुंह बाए खड़ी हैं. सोनागाछी इलाके में 11 हजार यौनकर्मी स्थायी तौर पर रहती हैं. इसके अलावा कोलकाता से सटे उपनगरों से भी औसतन तीन हजार महिलाएं यहां आती हैं. लेकिन वे यहां रहती नहीं हैं.

यौनकर्मियों के संगठन दुर्बार महिला समन्व्य समिति की अध्यक्ष विशाखा लस्कर कहती हैं, "लोगों में कोरोना का आतंक है. इसलिए वह लोग इलाके में कदम नहीं रख रहे हैं. अब मुश्किल से रोजाना पांच सौ लोग पहुंचते हैं. संक्रमण के अंदेशे से कई यौनकर्मियों ने भी सर्दी-खांसी के लक्षण वाले ग्राहकों को मना कर दिया है."

संगठन से जुड़ी महाश्वेता मुखर्जी बताती हैं, "ग्राहकों की तादाद काफी कम हो गई है. न तो मास्क मिल रहे हैं और न ही संक्रमण से सुरक्षा का दूसरा कोई उपाय है. इलाके की सड़कों पर सन्नाटा फैला है."

समिति ने इलाके के यौनकर्मियों में कोरोना से बचाव के बारे में एक जागरूकता अभियान भी चला रखा है. सोनागाछी की ज्यादातर यौनकर्मियों के पास वोटर कार्ड है और हर बार चुनावों के मौके पर तमाम राजनीतिक दल उनको लुभाने में जुट जाते हैं. उनके वोट निर्णायक होते हैं.

सोनागाछी
Sanjay Das
सोनागाछी

मौजूदा हालत में...

सोनागाछी की एक यौनकर्मी बबिता (बदला हुआ नाम) कहती हैं, "हमारे लिए फिलहाल दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है. यही स्थिति रही तो मैं अपने घर पैसे भी नहीं भेज सकूंगी."

कोलकाता के वाटगंज इलाके में चलने वाले यौन कर्मियों के बाज़ार में भी हालात अलग नहीं हैं.

वहां की एक अन्य यौनकर्मी बताती है, "बेहद कठिन हालत है. मैंने अब तक ऐसे दिन नहीं देखे थे. मेरे पास पहले रोजाना कम से कम चार ग्राहक आते थे. अब तो कई-कई दिनों तक कोई नहीं आता. होली के बाद से ही यही स्थिति है."

डीएमएसएस के संस्थापक और मुख्य सलाहकार डॉक्टर समरजीत जाना बताते हैं, "हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. यौनकर्मियां भी डर के मारे अपने ग्राहकों को मना कर दे रही हैं. इससे भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है."

डॉक्टर समरजीत जाना

महिलाएं भूखों मर जाएंगी...

डॉक्टर समरजीत जाना कहते हैं, "मौजूदा हालत में हम कुछ नहीं कर सकते. इन यौनकर्मियो को जीने के लिए खाना और पैसा चाहिए. मैंने अपने लंबे जीवन में कभी इस धंधे में इतने बुरे दिन नहीं देखे हैं. इलाके में देह व्यापार करने वाली कई महिलाएं तो अपने दूर-दराज के रिश्तेदारों के पास चली गई हैं. अगर सरकार ने इन लोगों की मदद नहीं की तो ज्यादातर महिलाएं भूखों मर जाएंगी."

जाना ने इन महिलाओं और उन के बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम करने का अनुरोध करते हुए राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री को पत्र भेजने का फैसला किया है.

सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. लेकिन, खाद्य विभाग के एक अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, "सरकार मौजूदा नियमों के तहत विशेष परिस्थितयों में खाने का इंतजाम तो कर सकती है. लेकिन इसका फैसला सरकार पर निर्भर है."

राज्य की महिला और शिशु कल्याण मंत्री शशी पांजा कहती हैं, "सरकार सोनागाछी में रहने वाली महिलाओं को भोजन मुहैया कराने पर विचार कर रही है."

SANJAY BASU

लॉकडाउन की वजह से...

डीएमएसएस की सचिव काजल बसु कहती हैं, "एक तो कोरोना के संक्रमण का खतरा और दूसरे लॉकडाउन की वजह से यहां धंधा पूरी रह पट हो गया है. यौनकर्मियों से लेकर दलालों तक, सबसे सामने भूखों मरने की नौबत पैदा हो गई है. लॉकडाउन की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे हैं. मोटरसाइकिलों से आने वाले ग्राहकों को भी पुलिस डंडों से पीट कर भगा दे रही है."

वह बताती हैं कि कमाई ठप होने की वजह कई यौनकर्मियां अपने घरों के किराए तक नहीं दे पा रही हैं. संगठन ने ऐसे मकान मालिकों से कुछ दिनों तक किराया माफ करने का अनुरोध किया है.

काजल बताती हैं, "अगर जल्दी ही हालत नहीं सुधरे तो सोनागाछी भी इतिहास के पन्नों तक सिमट जाएगा. आखिर कोई कब तक भूखा रह सकता है? यहां धंधा करने वाली कई महिलाओं पर अपना परिवार चलाने और बच्चों को यहां से दूर स्कूलों में पढ़ाने की भी जिम्मेदारी है. कमाई बंद हो गई तो इनका खर्च कैसे चलेगा?"

BBC Hindi
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English summary
Coronavirus affected even on Kolkata's redlight area, Sonagachhi
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