दिल्ली में धीमी पड़ रही संक्रमण की रफ्तार, 24 घंटे में 15 कारोना मरीजों की मौत
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ रही है। तमाम प्रयासों और एकजुटता का ही नतीजा है कि रविवार को 64 दिन बाद संक्रमण से मौत का आंकड़ा सबसे कम रहा। बीते 24 घंटों में 15 मरीजों की मौत हुई और 961 नए संक्रमित मिले। इससे पहले 28 मई को 13 लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद से यह संख्या सबसे कम है। आपको बता दें कि दिल्ली में रविवार तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या एक लाख 37 हजार 677 है जबकि मृतकों की संख्या 4004 हो गई है।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 1 से 12 जून की अपेक्षा 1 से 12 जुलाई की अवधि में कोविड मौतों में 44 प्रतिशत की गिरावट आई। 1 से 12 जून के बीच 1089 मरीजों की मौत हुई, जबकि 1 से 12 जुलाई के बीच मात्र 605 मौतें हुईं। दिल्ली सरकार के कोविड अस्पतालों में जून की अपेक्षा जुलाई में करीब 58 प्रतिशत की गिरावट आई। जून में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 361 मौतें हुई, जबकि जुलाई में 154 मौतें हुईं।
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वहीं, सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी कोविड अस्पतालों में जून की अपेक्षा जुलाई में 25 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और केंद्र सरकार के अस्पतालों में 55 प्रतिशत की गिरावट आई। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा शून्य पर लाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी-जान से जुटे हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक मौत पर स्वयं निगरानी रख रहे हैं। इसके लिए वह डॉक्टरों और विशेषज्ञों से भी सुझाव मांग रहे हैं।
रफ्तार धीमी होने के लिए ये फैसले अहम रहे
- बड़े पैमाने पर जांच : दिल्ली सरकार ने जुलाई के शुरू में जांच का दायरा बढ़ाते हुए 20 से 21 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर दिया, जबकि पहले औसतन 5500 टेस्ट था।
- ऑक्सीपल्स मीटर : सरकार ने होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे सभी मरीजों को ऑक्सीमीटर वितरित किया, ताकि मरीज अपना ऑक्सीजन स्तर मापते रहें। इसके लिए 59,600 ऑक्सीपल्स मीटर खरीदे गए।
- एंबुलेंस सिस्टम : मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की शुरुआत में ही बड़ी संख्या में एंबुलेंस बढ़ाने के आदेश दिए थे। इसके बाद एंबुलेंस की संख्या 134 से बढ़ा कर 602 कर दी गई। रेस्पांस टाइम 55 मिनट से घटकर 20-30 मिनट रह गया।
- बेड और कोरोना एप : मई की शुरुआत में कोविड बेड की क्षमता 3700 थी, जिसे जुलाई के अंत में बढ़ाकर 15 हजार से अधिक कर दिया गया है। वहीं, कोरोना एप लांच होने के बाद गंभीर मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध बेड का पता लगाने में सहूलियत हुई।
- आईसीयू बेड : सीएम केजरीवाल ने आईसीयू बेड के विस्तार पर बल दिया। जून की शुरुआत में 500 से कम आईसीयू बेड थे। अब 2200 से अधिक आईसीयू बेड हैं।