कोरोना वायरस से बचने के लिए लें होम्योपैथ, आयुर्वेद की ये दवाएं, आयुष मंत्रालय ने जारी की है ये लिस्ट
The Ministry of AYUSH, has released a list of medicines to protect against coronavirus. homeopath, Ayurveda,Unani medicines to avoid corona virusआयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए एक दवाइंयों की लिस्ट जारी की। होम्योपैथ, आयुर्वेद और युनानी पद्धति की वो दवाएं है जो वायरस से बचाव कर सकते
बेंगलुरु। चीन में तेजी से फैल रहे जानलेवा कोरोना वायरस से दुनियाभर में दहशत का माहौल है। चीन के इस वायरस का प्रकोप दूसरे देशों में भी बढ़ता जा रहा है। वायरस की चपेट में आने से अकेले चीन में अब तक 132 लोगों की मौत हो गई है। चीन के अलावा दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि हुई है। शोधकर्ताओं ने दुनिया के तीस देशों की पहचान की है, जहां इस जानलेवा वायरस का सबसे ज्यादा जोखिम हैं। उस लिस्ट में भारत भी शामिल है। भारत में भी इस कोरोना वायरस से फैली बीमारी के कई संदिग्ध मरीज अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं। लेकिन आपको घबराने की बिलकुल जरुरत नहीं हैं। कुछ ऐतियात बरत और कुछ दवाओं का सेवन करके स्वयं और अपने परिवार को इससे बचा सकते हैं।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के आधार पर आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी मेडिसिन की लिस्ट और ऐतिहात जारी की गयी है। इन दवाओं का सेवन और सावधानी बरत के आप इस रहस्यमय नए कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो दवाइयां ?
होम्योपैथी आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा का करें सेवन
आयुष मंत्रालय द्वारा सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) ने 28 जनवरी 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64 वीं बैठक में कोरोमैवायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 ( Arsenicum album30) को कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा बहुत कारगर है। तीन दिन तक लगातार खाली पेट तीन ड्राप इस्तेमाल करने की डाक्टरों ने सलाह दी है। डाक्टरों के अनुसार दोबारा कोरोना वायरस संक्रमण न हो इसलिए एक महीने बाद दोबारा इसकी डोज दोहरानी चाहिए। विशेषज्ञ समूह ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार द्वारा हवाई यात्राओं के द्वारा हो संक्रमणों की रोकथाम के लिए सामान्य स्वास्थ्य संबंधी उपाय करने की सलाह दी है।
आयुर्वेद में ये उपाय कर करें अपना बचाव
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है। अनजाने लोगों के हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें। जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें। बीमार होने पर घर पर रहें। खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें। यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
• शदांग पनिया पीना इसमें लाभकारी होगा। इसको बनाने के लिए एक लीटर पानी में मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिय़ा और नागर नामक आयुर्वेदिक औषधि से बने 10 ग्राम पाउडर को डाले और इसे तब तक उबाले जब तक एक पानी आधा न हो जाए। फिर दस साफ बोतल में स्टोर कर इसका सेवन करें।
•त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) का पाउडर 5 ग्राम बना लें और तुलसी 3-5 पत्तों (1-लीटर पानी में उबाला जाता है, जब तक वो आधा न हो जाए और इसे एक बोतल में रख ले। इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहें तब घूंट में लेते रहें।
•
आयुर्वेदिक
प्रथा
में
अनुसार
इस
रोग
के
लिए
इम्यूनोमॉड्यूलेटरी
ड्रग्स
(Immunomodulatory
drugs)कारगर
हैं।
अगस्त्य
हरीतकी
5
ग्राम,
दिन
में
दो
बार
गर्म
पानी
के
साथ
ले।
•Samshamani Vati 500 मिलीग्राम एक दिन में दो बार ले।
• Pratimarsa Nasya उपचार के तहत दोनों नाक में प्रतिदिन सुबह-शाम दो बूंद अनु तैला / तिल का तेल लगाएं।
यूनानी पद्धति के अनुसार ऐसे करें इस वायरस से बचाच
• शरबतउन्नब (SharbatUnnab) की 10-20 एमएल दिन में दो बार
• TiryaqArba 3 से 5 ग्राम दिन में दो बार
•TiryaqNazla 5 ग्राम दिन में दो बार
•खमीरामार्वर (KhamiraMarwaree) दिन में एक बार 3 से 5 ग्राम
• सिरऔर छाती पर रोगनबौना / रोगन माँ / कफूरी बाम से मालिश करें
• नाक नथुने में RoghanBanafsha धीरे से अप्लाई करें
• अर्कअजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
• बुखार होने की स्थिति में Habb e IkseerBukhar 2 गोलियों को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
• शरबतनाजला 10 मिली 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
• क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
• शरबतखांसी के साथ एकल यूनानी दवाओं का सेवन करने से अर्क बहुत उपयोगी होता है।