बच्चों की वैक्सीन की तैयारी का जानिए मास्टर प्लान, कौन-कौन से विकल्प होंगे तैयार, देखिए पूरी लिस्ट
नई दिल्ली, 25 जुलाई: पिछले साल मार्च में कोरोना के फैलने के बाद वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था। वहीं अधिकांश स्कूलों को भी बंद कर दिया गया। ऐसे में अब कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद कई राज्यो में फिर से बच्चों की स्कूल खोलने को लेकर फैसला किया जा रहा है। इस बीच कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा होने का अभिभावकों को डर सता रहा है। ऐसे में स्कूल भेजने को लेकर पैरेंट्स का विश्वास नहीं हो पा रहा है। हालांकि एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया भी इस बात को कह चुके हैं कि उन जगहों पर स्कूलों को खोलने पर विचार करना चाहिए, जहां अभी कोरोना पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम है। इस बीच बड़ा सवाल यह है कि बच्चों की वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो पाएगी।
डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक देश में कई बच्चे कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और उनमें से कईयों ने नेचुरल इम्युनिटी डेवलप कर ली है। वहीं उन्होंने बताया कि आने वाले सितंबर तक बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। गुलेरिया के अनुसार कोवैक्सीन के बच्चों पर हो रहे क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा काफी प्रभावशाली हैं। ऐसे में जानते हैं कि देश में बच्चों के लिए वैक्सीन के कौन-कौन से विकल्प आने वाले वक्त में मिल सकते हैं।
COVAXIN: बता दें कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर परीक्षण चल रहा है और सितंबर तक रिजल्ट आने की उम्मीद है, जिसकी जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के हवाले से दी है। जानकरी के अनुसार वैक्सीन की दूसरी खुराक अगले हफ्ते ट्रायल्स में 2-6 साल के बच्चों को दिए जाने की संभावना है।
ZYDUS CADILA: जाइडस कैडिला ने 12-18 आयु वर्ग के लिए अपने डीएनए-आधारित कोविड -19 वैक्सीन ZyCoV-D का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और यह जल्द ही देश में बच्चों के लिए एक विकल्प के तौर पर उपलब्ध हो सकती है।
PFIZER: वहीं बच्चों के लिए एक वैक्सीन का ऑप्शन फाइजर भी है। एम्स के डॉ. रणदीप गुलेरिया ने फाइजर को लेकर बयान दिया था कि अगर भारत में फाइजर-बायोएनटेक के टीके का रास्ता साफ हो जाता है तो आने वाले वक्त में बच्चों के लिए एक विकल्प तैयार किया जा सकता है। अमेरिकी वैक्सीन निर्माता मॉडर्न और फाइजर भारत को अपने कोविड -19 टीकों की आपूर्ति करने की तैयारी के लिए जोर दे रही है।
MODERNA: वहीं एक उम्मीद मॉडर्ना से भी लगाई जा रही है, क्योंकि यूरोप में शुक्रवार को 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन को यूज करने के लिए हरी झंडी दे दी है। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने बताया कि 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों में स्पाइकवैक्स वैक्सीन का यूज 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की तरह ही किया जाएगा।
SPUTNIK V: भारत में 18 साल की उम्र से बड़े लोगों में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक लगाई जा रही है। वहीं 12 से 17 साल के बच्चों के बीच रूस के स्पुतनिक वी टीके का शुरुआती परीक्षण मॉस्को में शुरू हो गया है। बच्चों को वयस्कों के लिए दी जाने वाली खुराक की तुलना में स्पुतनिक वी की एक छोटी खुराक मिलेगी।
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बच्चों की वैक्सीन को लेकर कई विकल्प सामने आए हैं। हालांकि देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा।