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बिहार पर टूट सकता है कोरोना का कहर, संक्रमण और टेस्टिंग दर में बड़े अंतर ने बढ़ाई चिंता

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नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस संकट के हिसाब से एक ओर जहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली की स्थिति बेहद चिंताजनक बने हुए है, जहां सर्वाधिक नए मामले सामने आए हैं, लेकिन पिछले दो हफ्तों से बिहार में संक्रमितों की संख्या तेजी ने चिंता और बढ़ा दी है। हालांकि बिहार में स्थिति अभी विस्फोटक नहीं हुई है, लेकिन राजधानी पटना समेत 15 जिलों के नए मामलों में वृद्धि शुभ संकेत नहीं है।

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बिहार में संक्रमण के मामले में कमी का प्रमुख कारण कम हो रही टेस्टिंग है

बिहार में संक्रमण के मामले में कमी का प्रमुख कारण कम हो रही टेस्टिंग है

फिलहाल, बिहार में संक्रमण के मामले कमी का प्रमुख कारण टेस्टिंग और संक्रमण में बड़ा गैप है। यानी बिहार में संक्रमण की तुलना में टेस्टिंग कम हो रही है इसलिए सारे मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं और टेस्टिंग बढ़ने के साथ बिहार की स्थिति महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली के समकक्ष पहुंच सकती है, क्योंकि राज्य में संक्रमित दर काफ़ी ज़्यादा है। कहने का मतलब है कि बिहार में टेस्टिंग की तुलना में संक्रमितों होने वालों का संख्या अधिक है।

बिहार में संक्रमण तेजी बढ़ने की आशंका में 31 जुलाई तक बढ़ा लॉकडाउन

बिहार में संक्रमण तेजी बढ़ने की आशंका में 31 जुलाई तक बढ़ा लॉकडाउन

बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी बढ़ने की आशंका का अंदाज़ा राज्य में फिर से संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा से समझा जा सकता है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी 31 जुलाई तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। हालांकि तेजी से भारत में बढ़ रहे संक्रमण के मामलों को देखते हुए कई राज्यों ने लॉकडाउन को दोबारा लागू करने की घोषणा कर चुकी है, इनमें उत्तर प्रदेश और कर्नाटक समेत अन्य कई राज्य शामिल हैं।

बिहार में अभी संक्रमित दर 5.7 फ़ीसदी है, जबकि राष्ट्रीय दर 7.6 फ़ीसदी है

बिहार में अभी संक्रमित दर 5.7 फ़ीसदी है, जबकि राष्ट्रीय दर 7.6 फ़ीसदी है

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अब तक सिर्फ़ 3.3 लाख लोगों की टेस्टिंग हो चुकी है, जहां संक्रमित दर 5.7 फ़ीसदी है, जो अभी राष्ट्रीय औसत 7.6 फ़ीसदी यह कम है, लेकिन आप जब दूसरे राज्यों में हुए 3.3 लाख टेस्टिंग से बिहार की तुलना करेंगे, तो बिहार की स्थिति बेहद ख़राब नज़र आती है। रिपोर्ट कहती है कि दूसरे राज्यों में क़रीब 3 लाख टेस्टिंग हुई थी तब बिहार से ज़्यादा संक्रमित दर सिर्फ़ दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में थी, क्योंकि 3 लाख टेस्टिंग में बाक़ी राज्यों में संक्रमित दर महज 4 फ़ीसदी थी।

करीब 3 लाख टेस्टिंग में मध्य प्रदेश में संक्रमितों का दर 3.9 फीसदी था

करीब 3 लाख टेस्टिंग में मध्य प्रदेश में संक्रमितों का दर 3.9 फीसदी था

रिपोर्ट के अनुसार करीब 3 लाख टेस्टिंग में मध्य प्रदेश में संक्रमितों का दर 3.9 फीसदी था, ओडिशा में 3.7 फीसदी, तमिलनाडु में 3.4 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 3.2 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 2.7 फीसदी, राजस्थान में 2.2 फीसदी, केरल में 2.16 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 2.0 फीसदी, पंजाब में 1.8 फीसदी, असम में 1.8 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 0.84 फ़ीसदी था।

बिहार के 14 ज़िलों में संक्रमित दर दो हफ्तों में 4 से बढ़कर 15 फीसदी पहुंची

बिहार के 14 ज़िलों में संक्रमित दर दो हफ्तों में 4 से बढ़कर 15 फीसदी पहुंची

पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड-19 परीक्षण की निगरानी करने वाले डॉ. एस के शाही ने बताया कि पटना के आसपास के 14 ज़िलों में संक्रमित दर पिछले दो हफ्तों में 4 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी पहुंच गई है, जो बिहार की स्थिति चिंताजनक होने का द्योतक है। राजधानी पटना की सबसे अधिक हालत खराब है, जहां संक्रमित दरब 8 से 10 फ़ीसदी के बीच है।

3 लाख टेस्टिंग तक पहुंचने वाले राज्यों में संक्रमित दर महज 4 फीसदी है

3 लाख टेस्टिंग तक पहुंचने वाले राज्यों में संक्रमित दर महज 4 फीसदी है

3 लाख परीक्षण के निशान तक पहुंचने वाले देश के अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संक्रमित दर 4 फीसदी कम थी। असम, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, एमपी, यूपी, आंध्र, और राजस्थान वर्तमान में 4 प्रतिशत से कम की संक्रमित दर वाले राज्यों में से हैं, लेकिन उन्होंने बिहार और हरियाणा की तुलना में अधिक नमूनों का परीक्षण किया है।

बिहार में प्रति लाख जनसंख्या पर सिर्फ 316 लोगों की टेस्टिंग हुई है

बिहार में प्रति लाख जनसंख्या पर सिर्फ 316 लोगों की टेस्टिंग हुई है

रिपोर्ट कहती है कि देश की सबसे कम टेस्टिंग दर बिहार की है, जहां प्रति एक लाख की जनसंख्या पर सिर्फ 316 लोगों की टेस्टिंग हुई है, जबकि अन्य सभी राज्यों में प्रति लाख टेस्टिंग की दर 550 से अधिक है और देश में हो रही टेस्टिंग का आंकड़ा 979 नमूने प्रति लाख है। इस मामले में हरियाणा भी पीछे हैं, जहां कुल 3.9 लाख टेस्टिंग हुई है और संक्रमित दर 5.8 फीसदी है।

बिहार भाजपा कार्यालय में इसी सप्ताह 70 लोगों ने प़ॉजिटिव टेस्ट किया

बिहार भाजपा कार्यालय में इसी सप्ताह 70 लोगों ने प़ॉजिटिव टेस्ट किया

बिहार भाजपा कार्यालय में 70 लोगों ने इसी सप्ताह कोविद -19 के लिए प़ॉजिटिव टेस्ट किया है। लगभग एक पखवाड़े पहले राज्य में हुई एक शादी भी बिहार में संक्रमण फैलाने में बड़ा योगदान किया, जिसमें शामिल हुए 100 से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। बिहार में कोरोना से हुईं 23 फीसदी मौतें शीर्ष तीन खराब जिलों में हुई हैं।

गैर-हॉटस्पॉट राज्य संक्रमण मामले में हॉटस्पॉट राज्यों से आगे निकलने लगे हैं

गैर-हॉटस्पॉट राज्य संक्रमण मामले में हॉटस्पॉट राज्यों से आगे निकलने लगे हैं

बिहार के बारे में चिंता इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि-गैर-हॉटस्पॉट राज्य हॉटस्पॉट राज्यों से तेजी से आगे निकलने लगे हैं। गत 13 जुलाई को पहली बार गैर-हॉटस्पॉट राज्यों में हॉटस्पॉट राज्यों की तुलना में अधिक दैनिक नए सक्रिय मामले थे, इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के हॉटस्पॉट राज्य शामिल हैं। इन चार राज्यों में एक महीने पहले भारत के लगभग 70 फीसदी सक्रिय केस थे, लेकिन अब यह घटकर करीब 61 फीसदी रह गया है।

अभी उच्च संक्रमित दर और कम टेस्टिंग संयोजन वाले राज्य हॉटस्पॉट बन गए हैं

अभी उच्च संक्रमित दर और कम टेस्टिंग संयोजन वाले राज्य हॉटस्पॉट बन गए हैं

दरअसल, मौजूदा समय में उच्च संक्रमित दर और कम टेस्टिंग संयोजन वाले राज्य प्रमुख हॉटस्पॉट बन गए। आंध्र और जम्मू और कश्मीर में भी अप्रैल की शुरुआत में कम परीक्षण के साथ उच्च संक्रमित दर थी। वहां 7,000 टेस्टिंग में लगभग 6 फीसदी और 4,000 टेस्टिंग में लगभग 7 फीसदी सक्रिय मामले सामने आए थे, लेकिन दोनों टेस्टिंग बढ़ाकर अपनी संक्रमित दर को घटाने में सफल रहे।

दो हफ्तों में 22,000 नमूनों में से 80 फीसदी में संक्रमण के लक्षण मिले हैं

दो हफ्तों में 22,000 नमूनों में से 80 फीसदी में संक्रमण के लक्षण मिले हैं

दूसरी ओर बिहार की दर में लगातार संक्रमितों के दर वृद्धि हुई है, जैसे-जैसे राज्य ने टेस्टिग शुरू किया था। पिछले दो हफ्तों में 22,000 नमूनों में से लगभग 80 फीसदी में संक्रमण के लक्षण मिले हैं। पटना में लगभग 90 फीसदी संक्रमित मिले हैं। डॉ शाही ने बताया कि बिहार में स्पर्शोन्मुख मामले आमतौर पर 15 से 30 साल के बीच होते हैं, जबकि रोगसूचक मामलों का औसत लगभग 50 वर्ष हैं।

English summary
According to the fast growing coronavirus crisis in the country, while the situation in Maharashtra, Tamil Nadu and Delhi remains very worrying, where the maximum number of new cases have been reported, but the number of infected in Bihar has increased rapidly for the last two weeks. Has given Although the situation in Bihar is not yet explosive, the increase in new cases in 15 districts including the capital Patna is not an auspicious sign.
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