कोरोना के नए वेरिएंट AY.4.2 Delta के मामले एमपी और महाराष्ट्र में मिले हैं, यह कितना खतरनाक है ? जानिए
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर: इंदौर में इस साल अगस्त के मुकाबले सितंबर में कोरोना के मामलों की संख्या में अचानक 64 फीसदी की तेजी आ गई थी। इंग्लैंड में कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। अब पता चल रहा है कि इसके पीछे कोविड का नया डेल्टा वेरिएंट एवाई.4.2 जिम्मेदार हो सकता है कि जो कि इसी परिवार का एक उप वंश है और उससे भी ज्यादा तेजी से फैल सकता है। यूनाइटेड किंग्डम में 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' की श्रेणी में रखा गया है। भारत में भी इसकी मौजूदगी के बाद चिंताएं बढ़ी हैं और इसपर निगरानी रखी जा रही है। हालांकि, इस वेरिएंट से बीमारी के गंभीर होने या कोविड वैक्सीन का प्रभाव कम होने जैसे कोई सबूत अभी नहीं मिले हैं।
एवाई.4.2 वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए उप वंश मिलने के बाद से भारत में कोविड जीनोमिक सर्विलांस प्रोजेक्ट हाई अलर्ट पर है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) से जारी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में नए वेरिएंट के सात मामलों का पता चला है। इंदौर के मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएस सैतिया के मुताबिक सात संक्रमित लोगों में से महू छावनी में तैनात दो आर्मी ऑफिसर भी शामिल हैं। वहीं महाराष्ट्र में नया डेल्टा एवाई.4.2 वेरिएंट 1 फीसदी सैंपल में पाए जाने की बात कही जा रही है।
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यूके में 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' घोषित
वैज्ञानिक संकेत दे रहे हैं कि नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है, जो कि डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलता है। एवाई.4.2 को यूनाइटेड किंग्डम (यूके) में 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' घोषित किया गया है। यानी इसपर अभी छानबीन चल रही है। वहां की हेल्थ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एवाई.4.2 डेल्टा उप वंश सभी सीक्वेंस का करीब 6 फीसदी पाया गया है, जो कि बढ़ता जा रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबक, 'डेल्टा प्रमुख वेरिएंट के तौर पर कायम है......डेल्टा का नया उप वंश जिसे एवाई.4.2 का नाम दिया गया है, वह इंग्लैंड में फैल रहा है। यह अब निगरानी में है और इसका मूल्यांकन शुरू हो गया है।'
इंदौर से सामने आए मामलों ने बढ़ाई चिंता
एवाई.4.2 को 'डेल्टा प्लस' कहा जा रहा है और यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने इसे अब वीयूआई-21ओसीटी-01 का नाम दिया है। इसकी अब गहराई से मूल्यांकन की जा रही है, जब से यह साक्ष्य मिले हैं कि यह व्यापक रूप से मौजूद डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा तेजी से फैलता है। इधर एनसीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसी उप वंश की वजह से इंदौर जिले में अगस्त के मुकाबले सितंबर में संक्रमण में 64 फीसदी का इजाफा हो गया था। इंग्लैंड में कोरोना की दूसरी लहर के लिए नए डेल्टा वेरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
अभी तक एवाई.4.2 वेरिएंट के बारे में क्या पता है ?
- संभावित रूप से थोड़ा अधिक संक्रामक स्ट्रेन है।
- म्युटेशन के बाद उसी परिवार का हिस्सा है, जिसकी पहचान बी.1.617.2 या डेल्टा के रूप में की गई है।
- एवाई.4.2, जिसे 'डेल्टा प्लस' कहते है और अब इसका नाम वीयूआई-21ओसीटी-01 रखा गया है।
- अभी तक के साक्ष्यों से यह संकेत मिले हैं कि यह डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है।
- यूके में इसे 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' घोषित किया गया है।
- हालांकि मौजूदा सबतों से यह नहीं लगता कि 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है या कोविड टीकों के प्रभाव को कम कर सकता है।