कोरोना का भय, 74 फीसदी कर्मचारी जारी रखना चाहते हैं 'वर्क फ्रॉम होम'
Corona's havoc: 74 percent of employees want to continue work from home: survey
नई दिल्ली। देश में हर दिन कोरोना पॉजिटिव के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच अभी अभी तक कोई सटीक दवा इजाद हो पाई है और ना ही कोई सफल वैक्सीन आई है इसलिए लोगों में कोरोना को लेकर भय बढ़ता ही जा रहा है।कोरोना से बचाव के लिए कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सहूलियत दी हुई है। 'वर्क फ्रॉम होम' (Work from Home) बोरिंग होने के बावजूद लोग इसे ही तबज्जो दे रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए लोग आफिस जाते समय यपब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से बचना चाहते हैं। एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (Assocham) और कंसल्टिंग फर्म प्राइमस पार्टनर्स (Primus Partners) के संयुक्त सर्वे करवाया जिसमें 74 फीसदी लोगों ने वर्क फ्रॉम होम को जारी रखने पर जोर दिया।
कोविड -19 प्रकोप के तुरंत बाद घर (डब्ल्यूएफएच) से काम करना शुरू करने वाले कर्मचाीी इसे ही प्राथमिकता दे रहे हैं। वह आगे भी डब्ल्यूएचएच जारी रखना चाहते हैं, क्योंकि भले ही राज्यों में सार्वजनिक वाहनों जैसे मेट्रो ट्रेन, नगर बसें शुरु कर दी है इसके बावजूद लोग इन पब्लिश ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। ASSOCHAM द्वारा कंसल्टिंग फर्म प्राइमस पार्टनर्स के साथ मिलकर किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है, तीन चौथाई लोग या तो वर्क फ्रॉम होम चाहते हैं या फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स (flexible working hours) जैसी सुविधा चाहते हैं।
ये संयुक्त सर्वे देश के आठ बड़े शहर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और पुणे में किया गया। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान 79 फीसदी कर्मचारियों ने घर पर रहकर ऑफिस का काम किया। लॉकडाउन हटने और चरणबद्ध तरीके से अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी 74 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) के ही पक्ष में ही हैं। उन्हें डर है कि ऑफिस हर दिन जाने के कारण वो और उनके परिवार के लोग इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं।
कर्मचारियों के विभिन्न आयु समूहों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद में किए गए सर्वेक्षण से एक और महत्वपूर्ण संकेत यह था कि काम करने के स्थानों पर आने वाले लोगों की एक बड़ी संख्या अपने निजी वाहनों का प्रयोग करने की बात कही। "पोस्ट लॉकडाउन के बाद भी 74 कर्मचारियों ने वर्क फ्राम होम को तबज्जों दी है। वहीं कर्मचारियों के घर से काम करने पर कार्यालय परिसर के किराये सहित अन्य आफिस संबंधी खर्चों की लागत में कमी आती है।