देश में कोरोना से बीमार होने की दर 6% से बढ़कर 7% से अधिक, फिर भी माना जा रहा अच्छा संकेत जानिए क्यों
नई दिल्ली। भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले केंद्र और राज्य सरकारों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। भारत संक्रमितों की संख्या में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है, पहले नंबर पर अमेरिका और उसके बाद ब्राजील है। देश में बढ़ते मामलों के बीच कोरोना टेस्टिंग भी बढ़ी है जिसका मतलब यह है कि जितने ज्यादा टेस्ट उतने ज्यादा नए मरीज। पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना सकारात्मकता दर बढ़ी है जो अब 6 प्रतिशत के स्तर को पार कर 7.09 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
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द इंडियन एक्सप्रेस की बीमारी की व्यापकता का आकलन करने के लिए सकारात्मकता दर एक अच्छा संकेतक है। हालांकि कई राज्यों में अभी उतनी तेजी से कोविड-19 टेस्टिंग नहीं की जा रही है जितनी रफ्तार से होनी चाहिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक जितने अधिक परीक्षण किए जाएंगे, संक्रमित मामलों की खोज की संभावना उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र में सकारात्मकता दर लगभग 19 प्रतिशत है वहीं, मुंबई में सकारात्मकता दर भी 24 प्रतिशत के आसपास है। मुंबई में अब कोरोना टेस्टिंग सभी के लिए शुरू कर दिया गया है चाहे उसमें कोरोना के लक्षण हो या किसी अन्य बीमारी के।
देश में किए जा रहे परीक्षणों की संख्या में पिछले दो महीनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हर दिन दो लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है और परीक्षणों की कुल संख्या दो दिन पहले एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। इस बीच कोरोना के नए मामलों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है। मंगलवार को, देश भर में लगभग 22,750 नए मामले सामने आए जिसके बाद देश में अब तक कोरोना के 7.42 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 4.56 लाख से अधिक लोग पहले ही इस बीमारी से उबर चुके हैं।
मंगलवार को कोरोना वायरस के नए मामलों में सबसे बड़ा योगदान महाराष्ट्र और तमिलनाडु का रहा हालांकि इस दौरान राज्यों द्वारा सामने आए सबसे अधिक केस में मामूली गिरावट भी देखी गई है। दिल्ली के नए मामलों में तेजी देखी गई वहीं कर्नाटक में नए मामलों में भी थोड़ी गिरावट देखी गई। हालांकि तेलंगाना में मंगलवार को एक बार फिर 1,800 से अधिक मामले दर्ज किए। राहत की बात यह है कि पुष्टि के मामलों की वृद्धि दर में गिरावट आई है। मौजूदा सात-दिवसीय चक्रवृद्धि दैनिक मामलों की दर 3.46 प्रतिशत है, जो अब तक का सबसे कम है।
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