क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दुनिया में तेजी से लौट रहा है कोरोना, जानिए कब मिलेगा और यह कितना प्रभावी होगा वैक्सीन?

Google Oneindia News

नई दिल्ली।पिछले करीब 8-9 महीनों तक पूरी दुनिया में कहर बरपाता आ रहा कोरोनावायरस एक बार फिर लौटता दिखाई दे रहा है और सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल है कि आखिर जानलेवा नोवल कोरोनावायरस से संभावित मुक्ति दिलाने वाला वैक्सीन कब लोगों के लिए उपलब्ध होगा। पूरी दुनिया में अब तक करीब 6 करोड़ लोगों को संक्रमित और करीब 14 लाख लोगों की जान ले चुका वायरस शायद अभी थका नहीं है और सर्वाधिक प्रभावित देशों में शुमार भारत और अमेरिका में संक्रमण के दूसरे लहर भी देखा जा रहा है।

vaccine

अगर बॉलीवड में नेपोटिज्म है, तो आमिर खान के भांजे इमरान खान को एक्टिंग से क्यों लेना पड़ा संन्यास?अगर बॉलीवड में नेपोटिज्म है, तो आमिर खान के भांजे इमरान खान को एक्टिंग से क्यों लेना पड़ा संन्यास?

दुनिया में दूसरा सबसे अधिक कोरोनावायरस प्रभावित देश है भारत

दुनिया में दूसरा सबसे अधिक कोरोनावायरस प्रभावित देश है भारत

पूरी दुनिया में दूसरा सबसे कोरोना सर्वाधिक देश भारत की राजधानी दिल्ली और महाराष्ट में लगातार नए मरीजों की बढ़ती संख्या ने दोनों राज्य सरकारों की पेशानी पर बल डाल दिया है, लेकिन संभावित वैक्सीन को छोड़कर इससे निजात का कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि डब्ल्यूएचओ चीफ ने यह कहकर और लोगों का हांड कंपा दिया है कि कोरोना वैक्सीन के बावजूद महामारी को रोकने में पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिलेगी, तो दूसरी ओर एम्स दिल्ली निदेशक रंदीप गुलेरिया यह कहकर उम्मीद जगाते हैं कि हर्ड इम्यूनिटी विकसित होते ही वायरस दंतहीन हो जाएगा और वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 महामारी से सुरक्षा के लिए एकमात्र आशा वैक्सीन पर टिकी हुई हैं

महामारी से सुरक्षा के लिए एकमात्र आशा वैक्सीन पर टिकी हुई हैं

फिलहाल, वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए देश-दुनिया के डाक्टर और वैज्ञानिक वैक्सीन महामारी से सुरक्षा के लिए एकमात्र वैक्सीन आशा टिकाए बैठे हैं, तो सबसे बड़ा सवाल है कि वैक्सीन रूपी संजीवनी लोगों के लिए कब उपलब्ध हो पाएगी, जिससे संक्रमित हो रहे रोजाना लाखों लोगों की जिंदगी सुरक्षित की जा सके। बीते दो हफ्ते में फाइजर और बायएनटेक और मॉडर्ना ने अपने कोरोना वैक्सीन के बेहद सफल परीक्षणों की घोषणा कर उम्मीद जगाई है और माना जा रहा है कि अगर वैक्सीन ठीक तरह से काम करे तो दुनिया भर की आबादी के 60-70 फीसदी लोगों का टीकाकरण कर दिया जाए तो महामारी के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

भारत में विकसित होने वाले घरलू वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है

भारत में विकसित होने वाले घरलू वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है

इधर, भारत में विकसित होने वाले घरलू कोरोना वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है। कोरोना वैक्सीन टास्क फोर्स से जुड़े अफसरों का कहना है कि अलग-अलग देशों के दावों पर भरोसा करने के बजाय सरकार स्वदेशी कंपनियों पर अधिक ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में घरेलू कंपनियों की वैक्सीन देश के करोड़ों लोगों के लिए उपलब्ध हैं। अब सबसे बड़ा सवाल है कि कौन सा कोरोना वैक्सीन भारत की भौगालिक परिृद्श्य को देखते हुए महामारी की रोकथाम में ज्यादा कारगर होगा।

भारत के लिए प्रोटीन आधारित वैक्सीन सबसे उपयुक्त होगा: वैज्ञानिक

भारत के लिए प्रोटीन आधारित वैक्सीन सबसे उपयुक्त होगा: वैज्ञानिक

शोधार्थियों की मानें तो भारत के लिए प्रोटीन आधारित वैक्सीन सबसे उपयुक्त होगा। वैज्ञानिकों ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित किए जा रहे संभावित टीके को भारत के लिए सबसे उपयुक्त करार देते हुए कहा है कि कोरोनावायरस का उचित वैक्सीन खऱीदने का फैसला कई कारकों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि यह इस बातर निर्भर करेगा कि वैक्सीन कितना सुरक्षित है, उसकी कीमत क्या है और उसे इस्तेमाल करना कितना सुविधाजनक है।

भारत में जिन कंपनियों को मंजूरी मिल चुकी है, सरकार उनके संपर्क में है

भारत में जिन कंपनियों को मंजूरी मिल चुकी है, सरकार उनके संपर्क में है

गौरतलब है भारत में जिन कंपनियों को नियामक की मंजूरी मिल चुकी है उनसे सरकार लगातार संपर्क में है। हालांकि फाइजर के पास अभी ऐसी मंजूरी नहीं हैं। इसलिए जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल जैसी कंपनियों को लेकर बातचीत चल रही है। यह कंपनी एमआरएमए आधारित वैक्सीन पर ही काम कर रही है। जेनावा एमआरएनए तकनीक के आधार पर वैक्सीन खोज रही है। कंपनी के अनुसार यह 2-8 डिग्री तापमान में सुरक्षित रखा जा सकेगा। वहीं भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूटट ऑफ इंडिया और जायडस कैडिला को लेकर भी सरकार उत्साहित है।

अगले साल तक वैक्सीन कोवैक्सीन मिलने लगेगी: भारत बायोटेक

अगले साल तक वैक्सीन कोवैक्सीन मिलने लगेगी: भारत बायोटेक

हाल ही में हैदराबाद में स्थित घरेलू वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक का दावा किया है कि अगले साल तक महामारी की वैक्सीन कोवैक्सीन मिलने लगेगी। दिलचस्प बात जो भारत बायोटेक ने बताई वह यह कि स्वदेशी वैक्सीन की सिर्फ दो बूंद कोरोना को हराने के लिए काफी होगी। कंपनी के मुताबिक अगले साल उसकी सिंगल डोज वैक्सीन मिलने लगेगी, जो दो ड्रॉप नाक के जरिए डाले जाएंगे और कोरोना को हराने के लिए इतना डोज काफी होगा। बता दें, भारत बायोटेक आईसीएमआर के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है, जिसके फरवरी 2021 तक मिलने की उम्मीद है।

दिसंबर 2020 और जनवरी-फरवरी 2021 में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है

दिसंबर 2020 और जनवरी-फरवरी 2021 में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है

रिपोर्ट की मानें अगर वैक्सीन विकसित करने में सफलता भी मिल जाती है और दिसंबर 2020 और जनवरी-फरवरी 2021 में इसकी औपचारिक घोषणा भी हो जाती है, तो सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचा पाना भी टेढ़ी खीर है, क्योंकि बडी़ मात्रा में कोरोना वैक्सीन बनाना और उसे 750 करोड़ लोगों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होगी। सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीन में इस्तेमाल होने वाली चीजों की उपलब्धता कैसे सुनिश्चत हो सकेगी।

वैक्सीन के निर्माण में 500 अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल होता है

वैक्सीन के निर्माण में 500 अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल होता है

अमेरिकी वैक्सीन नोवावैक्स के निर्माण में शार्क मछली के लीवर का तेल, एक खास पेड़ की छाल और लगभग 500 अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल होता है। वहीं, वैक्सीन के लिए वायल (Vial) यानी शीशियां (Boro-silicate Glass) से तैयार की जाती है। किसी आम ग्लास के मुकाबले ये ज्यादा तामपान को भी बर्दाश्त करने में सक्षम होती है। एक अनुमान के मुताबिक वैक्सीन निर्माण के लिए 20 करोड़ वायल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मॉडर्ना का दावा, वैक्सीन साधारण फ्रिज के तापमन पर स्टोर हो सकती है

मॉडर्ना का दावा, वैक्सीन साधारण फ्रिज के तापमन पर स्टोर हो सकती है

अब तक फाइजर वैक्सीन को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने को एक चुनौती माना जा रहा था। हालांकि अमेरिकी की एक और कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन को साधारण फ्रिज के तापामन पर स्टोर हो सकती है, लेकिन साधरणतया 6 महीने तक वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए उसे केवल माइनस 20 डिग्री के तापमान पर रखने की जरूरत होती है।

वैक्सीन आने के बाद भी महामारी रोकने में पूरी कामयाबी नहीं मिलेगीःWHO

वैक्सीन आने के बाद भी महामारी रोकने में पूरी कामयाबी नहीं मिलेगीःWHO

उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन आने की उम्मीद पर यह कहकर तुषारापात कर दिया है कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना महामारी को रोकने में पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिल सकती है। WHO डायरेक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रियेसिस के मुताबिक वैक्सीन आने के बाद मौजूद संसाधनों को मजबूत किया जा सकेगा, उसे रिप्लेश करने की कोई प्रणाली अभी विकसित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक वैक्सीन के दम पर महामारी को नहीं रोका जा सकेगा।

वैक्सीन बन भी जाती है, तो उसे असर दिखाने में समय लगेगा: फाइजर

वैक्सीन बन भी जाती है, तो उसे असर दिखाने में समय लगेगा: फाइजर

इस बीच कोरोना वैक्सीन बना रही फॉर्मा कंपनी फाइजर के वैज्ञानिकों ने भी आगाह किया है कि अगर वैक्सीन बन भी जाती है, तो उसे अपना असर दिखाने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने से तुंरत ही संक्रमण के मामलों में कमी नहीं आएगी और पहले जैसे हालात बनने में 2021 की सर्दियों के आने तक वक्त लग सकता है। मतलब एक तरफ कूंआ और दूसरी तरफ खाई जैसी स्थितियों वाले हालात बने हुए हैं। अगर वैक्सीन की घोषणा भी हो जाती है तो जिंदगी को बचाने में वक्त लगेगा।

अगले 20 सालों के लिए कोरोना महामारी की दवा की जरूरत होगी: सीरम

अगले 20 सालों के लिए कोरोना महामारी की दवा की जरूरत होगी: सीरम

वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि अगले 20 सालों के लिए कोरोना महामारी की दवा की जरूरत होगी। उनके कहने का अर्थ यह है कि कोरोना वैक्सीन आने से ही कोरोना खत्म नहीं होने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास में एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है, जब किसी वैक्सीन को बंद किया गया है। कई सालों से फ्लू, निमोनिया, खसरा और पोलियो तक दवाएं चली आ रही हैं, इनमें से किसी को बंद नहीं किया गया है और कोरोना वैक्सीन के साथ भी ऐसा ही होगा।

एम्स दिल्लीके निदेशक रंदीप गुलेरिया ने उम्मीद जरूर जगाई है

एम्स दिल्लीके निदेशक रंदीप गुलेरिया ने उम्मीद जरूर जगाई है

हालांकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स दिल्ली) के निदेशक रंदीप गुलेरिया ने यह कहकर उम्मीद जरूर जगाई है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद हम एक ऐसी स्थिति में पहुंच जाएंगे कि वायरस खुद ब खुद बेअसर हो जाएगा, जिसे वो हर्ड इम्यूमिटी कहते हैं। उनके मुताबिक जब हर्ड इम्युनिटी आ जाएगी तब वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर वायरस म्यूटेट नहीं होता है और इसमें कोई बदलाव नहीं आता है, तो लोग वैक्सीन लगाने के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं होगी।

फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन 90 फीसदी महामारी से बचा सकती है

फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन 90 फीसदी महामारी से बचा सकती है

दवा कंपनी फाइजर/ बायोएनटेक ने सबसे पहले अपने वैक्सीन को अंतिम चरण के क्लीनिकिल ट्रालयल की जानाकारी साझा की है। उसके डेटा के मुताबिक उसकी वैक्सीन 90 फीसदी लोगों को कोरोना महामारी होने से बचा सकती है। करीब 43000 लोगों को इस वैक्सीन को टेस्ट किया जा चुका है और सुरक्षा को लेकर कोई चिंता भी अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि अमेरिकी मॉडर्ना भी 30000 लोगों पर अपने वैक्सीन का परीक्षण कर रहा है और उनके मुताबिक उनका वैक्सीन भी 94.5 फीसदी लोगों को सुरक्षित कर सकता है।

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं

ब्रिटिस दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं। अगले कुछ हफ्तों में उसके परीक्षण के नतीजे भी आ जाएंगे। इस बीच रूसी स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन पर जारी हुआ एक डेटा उत्साह बढ़ाने वाला है। रूसी शोधकर्ताओं ने बताया कि यह 92 फीसदी कारगर है। जबकि तीसरे चरण के अंतरिम परिणामों के मुताबिक फाइजर वैक्सीन भी इसी चरण में हैं।

भारत समेत पूरी दुनिया में वैक्सीन की 8 अरब खुराक बुक हो चुकी है

भारत समेत पूरी दुनिया में वैक्सीन की 8 अरब खुराक बुक हो चुकी है

उल्लेखनीय है भारत समेत पूरी दुनिया में संभावित कोरोना वैक्सीन की 8 अरब खुराक बुक हो चुकी है। भारत ने 1.5 अरब से अधिक खुराक खरीदने की पुष्टि कर चुका है, जो यूरोपियन यूनियन की 1.2 अरब खुराक और अमेरिका की 1 अरब खुराक से अधिक है। ड्यूक यूनिवर्सिटी के लांच और स्केलू स्पीडोमीटर इनिशियटिव के शोधकर्ताओं का कहना है कि संख्या बताती है कि कोरोना वैक्सीन की 8 अरब से अधिक खुराक की बुकिंग वर्तमान में हो चुकी है, जबकि वैक्सीन की प्रभावकारितों के लेकर अभी तक कोई स्पष्ट नतीजे नहीं आए हैं।

Comments
English summary
Coronavirus, which has been wreaking havoc all over the world for the last 8-9 months, seems to be returning once again, and there is only one question on everyone's tongue, when the vaccine will be available for people to get rid of the potentially deadly coronavirus. The virus, which has infected around 60 million people in the world so far and killed about 1.4 million people, is probably not fatigued yet and India and America, among the most affected countries, are witnessing other waves of infection.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X