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Corona crisis में लालू यादव को क्या मिल सकती है बड़ी राहत, जेल से आ सकते हैं बाहर?

Bihar's former CM Lalu Prasad Yadav, jailed amid Corona crisis, can get great relief. The state government is considering granting him parole, so he can come out of jail soon.कोरोना संकट के बीच लालू यादव को मिल सकती है बड़ी राहत, जेल से आ सकते हैं

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रांची। भारत में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। भारत में 4,421 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और अब तक 114 पॉजिटिव लोगों को मौत हो चुकी है। वहीं बिहार और झारखंड में भी कोरोना का अत्‍यधिक प्रकोप हैं ऐसे में जेल में बंद बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिल सकती हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार उन्‍हें पैरोल देने पर विचार कर रही हैं ऐसे में जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं।

पैरोल पर छोड़ने पर किया जा रहा विचार

पैरोल पर छोड़ने पर किया जा रहा विचार

बता दें चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना के चलते जो हालात है उसमें , सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अंतर्गल लालू यादव को भी पैरोल दिया जा सकता है। सरकार के मंत्री बादल ने इस बात की पुष्टि भी की है कि पैरोल को लेकर राज्य सरकार ने कारा विभाग से बातचीत की है।

कोरोना संक्रमण के चलते लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

कोरोना संक्रमण के चलते लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

मालूम हो कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जेल प्रशासन को जेल में सजा काट रहे कैदियों के पैरोल देने के संबंध में में फैसला सुनाया था। इस फैसले के अंतर्गत ही लालू यादव को जेल से पैरोल पर छोड़ा जा सकता हैं।

लालू र‍िम्‍स पेईंग वार्ड में हैं भर्ती

लालू र‍िम्‍स पेईंग वार्ड में हैं भर्ती

मालूम हो कि लालू यादव की पिछले काफी दिनों से तबियत खराब चल रही हैं। जिसके चलते वो र‍िम्‍स पेईंग वार्ड में भर्ती हैं। कुछ दिनों पूर्व ही आठ सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की टीम ने रिम्स में चल रहे लालू प्रसाद के इलाज की समीक्षा की थी। जिसकी रिपोर्ट के अनुसार लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए फिलहाल एम्स, नयी दिल्ली नहीं भेजा जाएगा। उनके किडनी रोगों की जांच के लिए एम्स नयी दिल्ली से एक नेफ्रोलॉजिस् द्वारा इलाज के लिए बुलाया जाएगा। नेफ्रोलॉजिस्ट यदि उन्हें इलाज के लिए रिम्स से बाहर भेजने की बात कहते हैं तब उस दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

रिम्स मेडिकल बोर्ड ने दी है ये रिपोर्ट

रिम्स मेडिकल बोर्ड ने दी है ये रिपोर्ट

वहीं रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि लालू यादव के लाईन ऑफ ट्रीटमेंट, दी जा रही दवाएं और प्रोटोकॉल देखने के बाद मेडिकल बोर्ड रिम्स में चल रहे उनके इलाज से संतुष्ट है। रिम्स बोर्ड ने पाया है कि लालू प्रसाद यादव सीकेडी (क्रोनिक किडनी डिजीज) स्टेज 3 के मरीज हैं। साथ ही अन्य कई बीमारियां भी है। चूंकि रिम्स में कोई नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं हैं यही कारण हैं कि रिम्स मेडिकल बोर्ड ने बाहर से किसी नेफ्रोलॉजिस्ट को बुलाकर ओपीनियन लेने का निर्णय या बाहर में किसी नेफ्रोलॉजिस्ट के पास भेजकर भी राय ली जा सकती है।

लालू प्रसाद को इसलिए हुई थी जेल

लालू प्रसाद को इसलिए हुई थी जेल

बता दें बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारा घोटाला में जेल हुई थी। लालू यादव ने पशु चारा के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकाला था इसी आरोप में वो सालों से जेल में सजा भुगत रहे हैं। जब ये घोटाला हुआ तो लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था। इतनी बड़ी धनराशि के घोटाले संबंधी मामले में लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसला सुनया गया था। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।

1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव

1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव

गौरतलत हैं 71 वर्षीय लालू प्रसाद यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया। जबकि वे 15वीं लोक सभा में सारण (बिहार) से सांसद थे उन्हें बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। 1997 में जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया तो यादव को मुख्यमन्त्री पद से हटना पड़ा।अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बन गये और अपरोक्ष रूप से सत्ता की कमान अपने हाथ में रखी। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा जबकि उन पर कथित चारा घोटाले में भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप सिद्ध हो चुका था। 3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय ने उन्हें पाँच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी। दो महीने तक जेल में रहने के बाद 13 दिसम्बर को लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली।

11 साल तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे लालू प्रसाद

11 साल तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे लालू प्रसाद

यादव और जनता दल यूनाइटेड नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया था। इसके बाद राँची जेल में सजा भुगत रहे लालू प्रसाद यादव की लोक सभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी। चुनाव के नये नियमों के अनुसार लालू प्रसाद अब 11 साल तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। लोक सभा के महासचिव ने यादव को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हो गये।

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English summary
Bihar's former CM Lalu Prasad Yadav, jailed amid Corona crisis, can get great relief. The state government is considering granting him parole, so he can come out of jail soon.
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