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सावधान! जानिए, कपड़ों पर कब तक जीवित रहता है कोरोना वायरस?

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बेंगलुरू। महामारी कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है और संक्रमण से निदान को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार शोथ में जुटे हुए हैं ताकि इसकी रोकथाम के लिए जल्द टीका विकसित किया जा सके। कहा जा रहा है कि टीका विकसित होने में अभी 12-18 माह का समय लग सकता है।

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ऐसे अब मौजू सवाल और उसका यही है कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जाए। शायद यही कारण है कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है ताकि महामारी को थर्ड स्टेज यानी कम्युनिटी संचरण से रोका जा सके।

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गौरतलब है जानलेवा नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से फैलने से रोकने के लिए विभिन्न उपाय विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा जारी हेल्थ एडवाइजरी में सुझाए गए हैं, जिससे कोरोना को फैलाने से रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या कोरोना वायरस कपड़ों पर भी जीवित रहता है?

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और यदि ऐसा है, तो कपड़ों से लिपटे कोरोना वायरस कब तक जीवित रह सकता है? ऐसे ही सवाल स्टील, कॉपर, कॉर्ड बोर्ड, प्लास्टिक और हवा को लेकर भी हैं। हालांकि वैज्ञानिकों के मुताबिक कपड़ों में कोरोना वायरस संभवतः जीवित रहता है, लेकिन यह कितने समय तक जीवित रहता है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है।

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अभी तक किसी वैज्ञानिक द्वारा कपड़े पर ध्यान ही नहीं दिया गया है

अभी तक किसी वैज्ञानिक द्वारा कपड़े पर ध्यान ही नहीं दिया गया है

एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न सतहों मसलन, प्लास्टिक, स्टील, कॉपर, कॉर्ड बोर्ड और हवा में कोरोना वायरस के जीवित रहने की अवधि पर शोध किया गया है, लेकिन अभी तक किसी ने भी कपड़े पर ध्यान नहीं दिया है। अध्ययन कहती है कि स्टील और प्लास्टिक पर यह वायरस अधिक से अधिक 3 दिन तक जीवित रह सकता है जबकि कॉर्ड बोर्ड पर तीन घंटे, कॉपर पर 4 घंटे और हवा में भी करीब 3 घंटे जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कपड़ों में कोरोना वायरस संभवतः जीवित रहता है, लेकिन यह कितने समय तक जीवित रहता है, अभी यह स्पष्ट नहीं है।

अधिकांश वायरस गैर छिद्रपूर्ण सतह पर लंबे समय तक जिंदा रहते हैं

अधिकांश वायरस गैर छिद्रपूर्ण सतह पर लंबे समय तक जिंदा रहते हैं

समझा जाता है कि अधिकांश वायरस छिद्रपूर्ण सतह की तुलना में गैर छिद्रपूर्ण सतह जैसे कि स्टील की सतहों पर लंबे समय जिंदा रहते हैं। चूंकि कॉर्ड बोर्ड और कपड़ों की सतह छिद्रपूर्ण होती है इसलिए झरझरी सतहों वाले कपड़ों के बारे में एक अच्छी बात यह है कि वो वायरस को अपने भीतर फंसाने की प्रवृत्ति रखते हैं, जिससे वायरस के शरीर में संक्रमित होने में मुश्किल होती है।

लिनेन फेवरिक वाले कपड़ों को 60-90 डिग्री सेल्सियस पर धोना चाहिए

लिनेन फेवरिक वाले कपड़ों को 60-90 डिग्री सेल्सियस पर धोना चाहिए

हालांकि किसी भी मामले में शरीर पर पहने जाने वाले कपड़ों का साफ रखना बेहद जरूरी है। वैसे, अभी तक कपड़ों के लिए कोई सलाह नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के दिशानिर्देश कहती हैं कि लिनेन फेवरिक वाले कपड़ों को 60-90 डिग्री सेल्सियस पर धोना चाहिए।

डिटर्जेंट से कोरोना वायरस के खात्मे का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है

डिटर्जेंट से कोरोना वायरस के खात्मे का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ तनु सिंघल के मुताबिक डिटर्जेंट किसी भी वायरस के खात्मे के लिए काफी होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उनके मुताबिक संक्रमण से सावधानी के लिए यह बेहद जरूरी है कि कोरोना संक्रमित लोगों के कपड़े अलग से धोने चाहिए।

कोरोना संक्रमित बीमार व्यक्तियों के कपड़े के क्या है एडवाइजरी

कोरोना संक्रमित बीमार व्यक्तियों के कपड़े के क्या है एडवाइजरी

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई सलाह के मुताबिक कोरोना संक्रमित बीमार व्यक्तियों के कपड़े, उनके बिस्तर के कपड़े, स्नान और हाथ के तौलिए को सामान्य घरेलू डिटर्जेंट और पानी के साथ धोने चाहिए जबकि वाशिंग मशीन में ऐसे कपड़ों को 60-90 डिग्री सेल्सियस वाले पानी से नियमित धोने वाले साबुन से धोने के बाद कपड़ों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए।

कपड़े से निर्मित मॉस्क को उपयोग के बाद दैनिक रूप से धोना चाहिए

कपड़े से निर्मित मॉस्क को उपयोग के बाद दैनिक रूप से धोना चाहिए

वेबसाइट पर विशेष रूप से हिदायत दी गई है कि संक्रमित मरीज के कपड़े धोने के बाद दूषित पानी से त्वचा और कपड़ों के सीधे संपर्क बचें और दूषित पदार्थों के साथ त्वचा और कपड़ों के सीधे संपर्क में आने से बचें, क्योंकि धुले गए कपड़ों और उसके पानी में दूषित हो सकते हैं। इसके अलावा संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग में लाए जा रहे कपड़ों से निर्मित मास्क के बारे में भी यह सलाह दी गई कि उपयोग के बाद मॉस्क को कम से कम दैनिक रूप से धोएं जाए।

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English summary
According to a study report research has been conducted on the survival period of corona virus in various surfaces such as plastic, steel, copper, cord board and air, but no one has paid attention to the fabric yet. The study says that the virus can survive for more than 3 days on steel and plastic while three hours on a cord board, 4 hours on copper and about 3 hours in air.
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