ड्रग्स केस को रफा-दफा करने के लिए CM ने डाला दबाव, पुलिस ने कोर्ट को बताया
नई दिल्ली- मणिपुर में एक पुलिस अधिकारी ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर ड्रग्स के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। राज्य की एक महिला एडिश्नल एसपी थॉनाओजाम ब्रिंदा ने अदालत में एफिडेविट के जरिए यह आरोप लगाया है। वो अभी नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बोर्डर ब्यूरो (एनएपबी) में तैनात हैं। ड्रग्स का यह मामला 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का है और इसमें एक स्थानीय भाजपा नेता ही मुख्य आरोपी है। इन आरोपों पर फिलहाल मुख्यमंत्री ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
'ड्रग्स केस को रफा-दफा करने के लिए CM ने डाला दबाव'
एएसपी बिंद्रा ने अदालत में एफिडेविट देकर कहा है कि ड्रग्स बरामदगी के एक मामले में उनके डिपार्टमेंट पर एक आरोपी के खिलाफ केस खत्म करने के लिए प्रेशर डाला जा रहा है। पुलिस ने यह ड्रग्स जून 2018 में पकड़ा था। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार यह एफिडेविट इंफाल हाई कोर्ट में पिछले 13 जुलाई को दायर की गई है। इस हलफनामे में पुलिस ने कुल जब्त किए गए ड्रग्स और कैस का कुल आंकलन 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया है। एएसपी ब्रिंदा की एफिडेविट के मुताबिक इस ड्रग्स कारोबार का सरगना ल्हुखोसी जोउ है, जो चंडेल जिले का एक स्थानीय भाजपा नेता था। यह छापेमारी 19-20 जून, 2018 को की गई थी, जिसमें 8 लोगों के पास से प्रतिबंधित ड्रग्स बरामद किए गए थे और उन सबके खिलाफ आईपीसी की धारा और नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज ऐक्ट, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक इनके पास से 4,595 किलो हेरोइन, 28 किलो वर्ल्ड इज योर्स के टैबलेट्स और करेंसी समेत कुल 28,36,68,000 रुपये की बरामदगी हुई थी।
पुलिस का आरोप
ब्रिंदा के मुताबिक उस वक्त भी इस मामले में भाजपा नेता की गिरफ्तारी से काफी सनसनी मची थी। गिरफ्तारी के वक्त ल्हुखोसी जोउ चंडेल जिले के 5वें ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल का चेयरमैन भी था। वह 2015 में कांग्रेस टिकट पर इस काउंसिल के लिए चुना गया था, लेकिन 2017 में भाजपा में आ गया। ब्रिंदा के मुताबिक उसकी गिरफ्तारी के बाद से वो और उनके डिपार्टमेंट पर जोउ के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। दरअसल, इस मामले में बृंदा पर इंफाल हाई कोर्ट के जज के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने और रजिस्ट्रार के पास उनकी शिकायत की वजह से उन्हें अदालत की अवमानना का नोटिस मिला है और उन्होंने उसी के जवाब में 13 जुलाई को यह एफिडेविट दायर किया है।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सफाई
जब इन आरोपों के बारे में सीएम बीरेन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, 'मामला अभी अदालत में है। इसपर टिप्पणी करना अभी सही नहीं होगा। लेकिन, यह सबको मालूम है कि न्यायिक प्रक्रिया या कोर्ट केस में कोई भी व्यक्ति दखल नहीं दे सकता; न्याय दिलाने के लिए कानून अपना काम करेगा.............जहां तक हमारी सरकार का सवाल है ड्रग्स के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और चाहे कोई भी शामिल हो, चाहे वो दोस्त हो या रिश्तेदार...इस अभियान में छोड़ा नहीं जाएगा। ' बता दें कि 2012 बैच की मणिपुर पुलिस सेवा की अधिकारी बृंदा को तस्कर और ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार का पुलिस मेडल भी मिल चुका है। हालांकि, पिछली कांग्रेस सरकार ने उनपर उग्रवादी परिवार से जुड़े होने होने का आरोप लगया था, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 2017 में केंद्र की बीजेपी सरकार की पहल पर वो दोबारा पुलिस सेवा में लौट आईं।