पाकिस्तान में भारतीय डिप्लोमैट के घर काम करने वाला कुक गिरफ्तार, आईएसआई को दी थी जानकारियां
उत्तर प्रदेश एंटी-टेरर स्क्वॉयड (एटीएस) ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले एक व्यक्ति को उसके घर से गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान में तैनात भारतीय राजनयिक के घर बतौर कुक काम करता था। इस व्यक्ति का नाम रमेश सिंह है और आईएसआई को कई अहम जानकारियां मुहैया कराई थीं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एंटी-टेरर स्क्वॉयड (एटीएस) ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले एक व्यक्ति को उसके घर से गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान में तैनात भारतीय राजनयिक के घर बतौर कुक काम करता था। इस व्यक्ति का नाम रमेश सिंह है और कहा जा रहा है कि इसने पाक की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को कई अहम जानकारियां मुहैया कराई थीं। रमेश सिंह ने करीब दो वर्ष तक बतौर कुक काम किया था और उसे मंगलवार की रात गिरफ्तार किया था। रमेश ने पैसे की लालच में जानकारियां आईएसआई को दी थीं।
घर में लगाया माइक्रोफोन
रमेश को पिथौरागढ़ के गांव गाराली से गिरफ्तार किया गया है। एटीएस ने मिलिट्री इंटेलीजेंस और उत्तराखंड की पुलिस के साथ चलाए गए एक ज्वॉइन्ट ऑपरेशन के बाद उसे गिरफ्तार किया है। रमेश सिंह भारतीय रक्षा से जुड़े एक अधिकारी के साथ बतौर कुक पाकिस्तान में था और बताया जा रहा है कि उसने उनके घर में माइक्रोफोन लगाया था। यह काम उसने आईएसआई की मदद से अंजाम दिया था। उसने कई संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए यह काम किया था। डिप्लोमैट का बड़ा भाई सेना के साथ काम करता था। बुधवार को रमेश सिंह को पिथौरागढ़ के कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि उत्तराखंड डीजीपी को कुछ माह पहले एक केस में उनकी मदद चाहिए थी और फिर इसमें मिलिट्री इंटेलीजेंस को भी शामिल किया गया।
आईएसआई से मिले पैसे से चुकाया उधार
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रमेश सिंह खेती का काम करता था जब उसके एक रिश्तेदार ने उसे पाकिस्तान में कुक की नौकरी का ऑफर दिया। उसने साल 2015 के मध्य से लेकर सिंतबर 2017 तक नौकर की तरह काम किया था। इस बीच वह आईएसआई के संपर्क में आया और आईएसआई ने उसे कुछ जानकारी के बदले पैसे का ऑफर दिया। सूत्रों की मानें तो रमेश ने डिप्लोमैट की एक डायरी के साथ ही कुछ खास जानकारियों को आईएसआई के साथ शेयर किया था। भारत वापस आने पर सिंह ने उसे पैसे से अपना उधार चुकाया जो कि करीब आठ लाख था। अभी फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि रमेश सिंह को कितने पैसे आईएसआई की तरफ से मिले थे।