कौन है 50 धमाकों में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाला Doctor Bomb जलीस अंसारी
मुंबई। राजस्थान की अजमेर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा जलीस अंसारी गायब हो गया है। जलीस का गायब होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा अलर्ट है क्योंकि वह कोई साधारण सजा काटने वाला कोई दोषी नहीं था। जलीस पिछले तीन दशकों से एक ऐसा नाम बन चुका था जिसने एजेंसियों की नाम में दमकर रखा था। 50 से ज्यादा सीरियल ब्लास्ट्स में शामिल जलीस को 'डॉक्टर बम' भी कहते हैं। जलीस कहां हैं अब किसी को नहीं पता मगर उसका गायब होना निश्चित तौर पर सरकार और एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
पेरोल खत्म होने से 24 घंटे पहले गायब
जलीस पेरोल पर था जब वह लापता हुआ है। गुरुवार की सुबह से ही उसका कोई अता-पता नहीं है। जलीस, सेंट्रल मुंबई के मोमिनपुरा में आने वाले अग्रीपाड़ा का रहने वाला था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिसंबर 2019 में उसे 21 दिन की पेरोल दी गई थी। शुक्रवार को उसकी पेरोल खत्म होने वाली थी और 24 घंटे पहले ही वह गायब हो गया। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जलीस पेरोल के दौरान अपने परिवारवालों से मिलने के लिए गया हुआ था। लेकिन अचानक पुलिस को उसके परिवारवालों ने बताया कि उसका कुछ पता नहीं चल रहा है।
इसलिए बुलाते हैं लोग डॉक्टर बम
जलीस अंसारी ने देशभर में 50 से ज्यादा ब्लास्ट्स को अंजाम दिया था। जलीस अंसारी को लोग डॉक्टर बम के नाम से जानते थे। अंसारी एक क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर था। अपने प्रोफेशन का प्रयोग अंसारी मरीजों का इलाज करने में नहीं बम बनाने में करने लगा। जिन ब्लास्ट्स में उसका नाम आया उसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से ही उसे डॉक्टर बम कहा जाने लगा था। वह 1993 बॉम्बे ब्लास्ट का दोषी था। राजस्थान के अजमेर में सजा काट रहा था। उसके बेटे ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस के पास दर्ज कराई थी।
बाबरी मस्जिद गिरने के बाद लगाए बम
जलीस को पांच और छह दिसंबर की रात 1993 में छह राजधानी एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट्स के सिलसिले में सजा दी गई थी। इसी ब्लास्ट्स के चलते वह अजमेर की जेल में सजा काट रहा था। साल 1994 में पहली बार सीबीआई ने अंसारी को ट्रेन में बम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अंसारी पुणे में हुए ब्लास्ट में भी शामिल था। एजेंसियों को शक था कि उसने और उसके साथियों ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद अयोध्या में बम प्लांट किए थे। हैदराबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के सिलसिले में भी उससे पूछताछ की गई थी।
नमाज के लिए गया था घर से बाहर
मालेगांव कोर्ट ने साल 2008 में उसे गिरना नदी में ब्लास्ट एक्सपेरीमेंट करने की वजह से 10 साल की सजा सुनाई थी। अंसारी के परिवार का कहना है कि वह गुरुवार सुबह नमाज पढ़ने के लिए घर से निकला था मगर वापस नहीं लौटा। इसके बाद परिवार के सदस्य पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्हें अनुमान था कि पेरोल खत्म होने की वजह से अंसारी वहां पर मौजूद होगा। पुलिस स्टेशन में भी अंसारी नहीं था और इसके बाद पुलिस ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने का फैसला किया। पुलिस फिलहाल इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।