अमेरिका में अश्वेतों पर सिलसिलेवार हमले डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी पर लगा सकते हैं ब्रेक!
बेंगलुरू। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए मतदान में अब कुछ महीने ही शेष रह गए हैं, लेकिन पिछले छह महीने में अमेरिकी राजनीति में हुए नाटकीय परिवर्तन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के सपने पर ग्रहण लगा सकते हैं। रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर सबसे बड़ी बाधा के तौर कोरोना महामारी में कुप्रबंधन और अश्वेत अमेरिकियों पर सिलसिलेवार हमले को देखा जा रहा है।
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डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना काल में दिए गए उल-जूलूल बयान
शायद इतना काफी नहीं था कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना काल में दिए गए उल-जूलूल बयान और अर्थव्यवस्था और स्कूलों को खोलने को लेकर दिखाई गई जल्दबाजी ने अमेरिकियों को संशय में डाल दिया है, वह भी तब जब अमेरिका सर्वाधिक कोरोना प्रभावित देश है और जहां अब सर्वाधिक 1 लाख 89 हजार से लोग मारे जा चुके हो। दुनिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजो का रिकॉर्ड भी उसके नाम दर्ज हैं, जहां 62 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।
मार्च में अमेरिका के अश्वेत नागिरकों के साथ शुरू हुई पुलसिया दरिंदगी
कोरोना महामारी को लेकर डोनाल्ड ट्रंप को जो फजीहत हुई, वो काफी नहीं था कि मार्च, 2020 से अमेरिका के अश्वेत नागिरकों के साथ शुरू हुई पुलसिया दरिंदगी ने ट्रंप प्रशासन में अमेरिका में नस्लवादी आंदोलन को एक बार फिर गर्मा दिया है। हाल में मार्च, 2020 में डैनियल नामक अश्वेत की मौत से पहले के वीडियो ने तहलका मचा दिया है।
वीडियो में डैनियल के साथ बेहद ही क्रूरता से पुलिस पेश आती दिखाई दी
डेनियल के परिवार द्वारा जारी किए गए वीडियो में डैनियल के साथ बेहद ही क्रूरता से पुलिस पेश आती दिखाई दी है, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। शिकागो का रहने वाले डैनिलय के कपड़े उतरवाए गए थे और पुलिस ने उसे जमीन पर बैठने को कहा। उसके हाथों को पीछे की ओर करवाया गया और वह अपने बचाव में चिल्ला रहा था। परिवार का आरोप है कि डैनियल को मारने से पहले पुलिस ने काफी प्रताड़ित किया था। 30 मार्च को डैनियल की मौत हुई, जो जार्ज फ्लायड की मौत से दो महीने पहले की घटना थी।
मिनेसोटा अस्पताल में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत
इसके दो महीने बाद गत 5 मई को मिनेसोटा अस्पताल में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत ने अमेरिका में उबाल लेकर आई। जार्ज फ्लायड की मौत के लिए एक क्रूर अमेरिकी पुलिस को जिम्मेदार माना गया। आरोपी अमेरिकी पुलिस अधिकारी को मृतक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन पर उसके घुटने टिकाए वायरल हुए एक वीडियो ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। करीब 9 मिनट तक उसकी गर्दन पर घुटने से दम घुटने से जार्ज की मौत हो गई थी।
फ्लायड की मौत के बाद देखते ही देखते विरोध में सड़कों पर आ गए लोग
जार्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका में विरोध के सुर में सड़कों पर आ गए और देखते ही देखते पूरे अमेरिका में हिंसात्मक प्रदर्शन शुरू हो गया। होटल, रेस्त्रां और घरों को आग लगा दिए। प्रदर्शनकारियों को गुस्से को देखते हुए यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय यानी व्हाइट हाउस को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान भी राष्ट्रपति ट्रंप के बेतुके बयानों ने उनका साथ नहीं छोड़ा, जिससे अश्वेत अमेरिकियों के बीच उनकी लोकप्रियता घटी।
पुलिस अधिकारी ने जार्ज के गर्दन को अपने घुटने के नीचे दबाया हुआ था
घटना के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे मिनियापोलिस पुलिस विभाग के अधिकारी डेरेक चौविन के नीचे दबे जार्ज फ्लायड की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी। जब पुलिस अधिकारी ने जार्ज के गर्दन को अपने घुटने के नीचे दबाया हुआ था, तो सांस लेने की तकलीफ से गुजर रहे जॉर्ज फ्लॉयड जारी हुए वीडियो में चिल्लाता हुए कहता है, मैं सांस नहीं ले सकता हूं और कुछ ही देर बाद ही उसकी हालत खराब हो गई और अस्पताल ले जाते हुए उसकी दर्दनाक मौत हो जाती है।
हृदयविदारक घटना के विरोध में पूरे अमेरिका में व्यापक प्रदर्शन हुए
अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हृदयविदारक मौत की घटना के विरोध में पूरे अमेरिका में व्यापक प्रदर्शन होते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस घटना ने लोगों को एरिक गार्नर की याद दिला दी थी, जिसकी वर्ष 2014 में NYPD अधिकारियों के हाथों क्रूर मौत हुई थी, जो कि ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन का एक प्रमुख तारीख बन गया था। हालांकि ट्रंप काल में यह सिलसिला अभी नहीं थमा था।
अमेरिकी पुलिस की गोलीबारी में लकवाग्रस्त हुआ अश्वेत जैकब ब्लेक
इसकी तस्दीक अगस्त, 2020 में विस्कॉन्सिन के केनोशा में जैकब ब्लेक नामक एक अश्वेत अमेरिकी पर पुलिस की गोलीबारी में लकवाग्रस्त होने की जा सकती है। आरोप है कि अमेरिकी पुलिस ने जैकब ब्लेक पीठ पर कुल 7 गोली मारी थी, लेकिन उसके बाद घटी एक और घटना में डोनाल्ड ट्रंप की पोल खोल कर रख दी, जब जैकब ब्लेक पर पुलिस बर्बरता के विरोध में खड़े प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाकर दो लोगों की हत्या करने वाले किशोर की निंदा करने से उन्होंने इनकार कर दिया।
फरवरी में जॉगिंग के दौरान गोलीबारी में 25 वर्षीय अश्वेत की हुई थी मौत
इससे पू्र्व फरवरी में भी अमेरिका में जॉगिंग के दौरान हुई गोलीबारी में एक 25 वर्षीय अश्वेत व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिस पर लोगों द्वारा खूब नाराजगी जताई गई थी। कहा जाता है सिलसिलेवार घटित सारी घटनाओं का दर्द अमेरिकियों के जह्न में बिल्कुल ताजा बना दिया है, जिसकी परिणिति 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिल सकती है। इसका सीधा फायदा डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन को मिलता दिख रहा है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के पास ट्रंप के खिलाफ उसबैठे-बैठाए मुद्दा मिल गया
हालांकि अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में पिछले छह महीनों में जो नाटकीय परिवर्तन हुए हैं, उनका किसी को अंदाज़ा नहीं था। कम से कम डेमोक्रेटिक पार्टी को इसकी उम्मीद नहीं थी कि ट्रंप के खिलाफ उसके पास बैठे-बैठाए मुद्दा मिल जाएगा। यही कारण है कि डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के दावेदार जो बिडेन ने कोरोना काल में डोनाल्ड ट्रंप के बेतुके बयानों और अश्वेत नागिरकों पर बर्बरता को प्रमुख मुद्दा बनाया है।
अमेरिकी राजनीति में आए अचानक बदलावों से चुनाव का मिज़ाज बदला
निः संदेह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका की राजनीति में आए अचानक बदलावों से चुनाव का मिज़ाज को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। यह ऐसा बदला है, जिसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन यह तय है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बिडेन हालिया घटनाओं और कोरोना काल में दिए गए बेतुके बयानों के जरिए घेरने की योजना तैयार किया। इसका मुजाहरा उन्होंने हाल में जारी एक वीडियो कैंपेन में दिखाई भी दिया।
बिडेन का एक कैंपेन वीडियो राष्ट्रपति ट्रम्प के फुटेज के साथ शुरू होता है
बिडेन ने ट्वीटर पर जारी किए एक कैंपेन वीडियो क्लिप राष्ट्रपति ट्रम्प के फुटेज के साथ शुरू होता है, जो डोनाल्ड ट्रंप के एक साक्षात्कार में दिए भद्दी टिप्पणियों से शुरू होती है। बिडेन के कैंपेन वीडियो में उक्त टिप्पणी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए गए कई भद्दे टिप्पणियों में से एक था, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई थई। यह कैंपेन वीडियो में ट्रंप के फुटेज को 27-सेकंड बाद काट दिया गया है और वीडियो में कोरोना में मारे गए लोगों के शोकाकुल परिवार पर खत्म होता है।
वीडियो कैंपेन क्लिप का कैप्शन 'इट इज व्हाट इट जी'' दिया है
बिडेन ने वीडियो कैंपेन क्लिप का कैप्शन का कैप्सन 'इट इज व्हाट इट इज'' दिया है, जो डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक सवाल के जवाब में की गई टिप्पणी का हिस्सा है। ट्रंप से पूछा गया था, हर हफ्ते हजारों अमेरिकी मर रहे हैं, इस पर राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिक्रिया थी, 'इट इज व्हाट इट इज' इस वीडियो को अकेले ट्विटर पर जुलाई में ही 18 लाख से अधिक बार देखा जा चुका था।