अवमानना केस: प्रशांत भूषण के खिलाफ सोमवार को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। देश के जाने माने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सर्वोच्चतम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण द्वारा न्यायलय की अवमानना मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि प्रशांत भूषण की सजा को लेकर कई दिग्गज हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से पुन: विचार करने की अपील की थी लेकिन न्यायालय ने सभी को खारिज कर दिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनो प्रशांत भूषण को सजा देने के मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से उनकी राय मांगी थी। इस मुद्दे पर वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए क्योंकि उनका ट्वीट यह बताने के लिए था कि ज्यूडिशरी को अपने अंदर सुधार लाने की जरूरत है। मालूम हो कि प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को लेकर जो ट्वीट किया था, उसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए उन्हें दोषी करार दिया था और इस मामले में प्रशांत भूषण को माफी मांगने के लिए कहा था, लेकिन प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इनकार कर दिया।
Supreme Court to pronounce its order on the point of sentence against lawyer Prashant Bhushan in connection with the suo motu criminal contempt case for his tweets, on August 31. pic.twitter.com/h0HeKQgEGA
— ANI (@ANI) August 29, 2020
बीते मंगलवार सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा था कि हम निष्पक्ष आलोचना का स्वागत करते हैं लेकिन हमें आलोचना का जवाब देने के लिए प्रेस में जा सकते हैं। एक जज के रूप में, मैं कभी प्रेस में नहीं गया। यही वह नैतिकता है जिसका हमें अवलोकन करना है। भूषण के बयान और सफाई को पढ़ना दर्दनाक है। प्रशांत भूषण जैसे 30 साल के अनुभव वाले वरिष्ठ वकील को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। जस्टिस मिश्रा ने कहा हम अंदर और बाहर की बहुत सी बातें जानते हैं लेकिन क्या हम उन सबके लिए प्रेस में जा सकते हैं? हम नहीं जा सकते। हमें एक दूसरे की और संस्था की गरिमा की रक्षा करनी होगी।
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