लॉकडाउन में टूटे उपभोक्ता, भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ी गिरावट की संभावना: RBI
नई दिल्ली। कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन का असर ही कहेंगे कि लगभग ढाई महीने पूर्ण और आंशिक रूप से ठप भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी की वजह गर्त में पहुंचती जा रही हैं, जिसका सीधा कनेक्शन उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति से जुड़ा है। आरबीआई की मानें तो लगातार आर्थिक बंदी झेल रहे भारतीय उपभोक्ता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है, जिसका असर चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था भारी गिरावट के संकेत दिए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गुरूवार को जारी एक सर्वे में अनमान लगाया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है कि मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था और मौजूदा स्थिति इंडेक्स (सीएसआई) अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है।
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इसके अलावा सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के एक साल आगे का भविष्य की संभावनाओं इंडेक्स में भी भारी गिरावट आई है, जो कि निराशावाद के क्षेत्र में पहुंच चुका है। वहीं, एक अन्य सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 फीसदी की गिरावट आएगी। हालांकि अगला वित्त वर्ष कहीं बेहतर रहने की उम्मीद है।
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रिजर्व बैंक द्वारा प्रायोजित 'प्रोफेशनल फोरकास्टर्स' (एसपीएफ) के सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी में 2020-21 में 1.5 फीसदी की गिरावट आएगी, जबकि अगले वित्त वर्ष में यह वृद्धि राहत पर लौटेगी और इसमें 7.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज होगी।
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सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में चालू वित्त वर्ष में 0.5 फीसदी की गिरावट आएगी। हालांकि अगले वित्त वर्ष में इसमें 6.9 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक सकल निश्चित पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) में 2020-21 में 6.4 फीसदी की गिरावट आएगी। वहीं, अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 5.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज होगी।
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