महंगाई के मोर्चे पर बुरी खबर, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर हुई 7.35 %
नई दिल्ली। आर्थिक मुद्दे पर पहले से ही घिरी मोदी सरकार के लिए महंगाई के मोर्चे पर एक बुरी खबर सामने आई है। खुदरा (रिटेल) महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 7.35% पहुंच गई। नवंबर में 5.54% रही थी।सांख्यिकी कार्यालय ने सोमवार को आंकड़े जारी किए। इसके अलावा खाद्य महंगाई दर में भी साल के आखिरी महीने में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, नवंबर में खाद्य महंगाई दर 10.01 फीसदी थी, जो दिसंबर में बढ़कर 14.12 फीसदी हो गई।
2014 के बाद महंगाई अब उच्चतम स्तर पर
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक समग्र खुदरा महंगाई की दर दिसंबर में बढ़कर 7.35 फीसदी पर पहुंच गई, जो गत छह साल में यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के संपूर्ण कार्यकाल में सर्वाधिक है। पिछले महीने यानी नवंबर में खुदरा महंगाई की दर 5.54 फीसदी थी और दिसंबर 2018 में यह दर 2.11 फीसदी थी। 2014 के बाद महंगाई अब उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
आलू, प्याज और हरी सब्जी की कीमतों ने लोगों की जेबों का खासा असर डाला
अगर बात खाद्य पदार्थों की कीमतों की करें तो आलू, प्याज और हरी सब्जी की कीमतों ने लोगों की जेबों का खासा असर डाला है। दिसंबर में खाद्य महंगाई की दर बढ़कर 14.12 फीसदी पर पहुंच गई। एक साल पहले की समान अवधि में खाद्य कीमतें 2.65 फीसदी गिरी थीं। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई की दर और अधिक 16.12 फीसदी रही, जबकि दिसंबर में ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई की दर 12.97 फीसदी रही। नवंबर में समग्र खाद्य महंगाई की दर 10.01 फीसदी रही थी।
बारिश व सूखे की वजह से फसलें बर्बाद
बारिश व सूखे की वजह से फसल बर्बाद होने और आपूर्ति में बाधा आने से रोजमर्रा के इस्तेमाल की सब्जियां जैसे आलू, टमाटर के दाम काफी बढ़ गए। ऐसे में मानसून और कुछ सीमित अवधि को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल टमाटर 80 रुपये किलो के भाव बिका। दिसंबर में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से कुछ समय के लिए आलू भी 30 रुपये किलो पहुंच गया। महंगी सब्जियों की वजह से नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर पहुंच गई।
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