'एक से डेढ़ साल में शुरू हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण'
नई दिल्ली- नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद काफी लोगों को उम्मीद है कि इसबार तो अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण होकर रहेगा। ऐसे लोग देश के आम लोगों में से भी हैं, संत-महात्मा भी हैं, भारतीय जनता पार्टी के भी लोग हैं और सबसे आगे बढ़कर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के लोग हैं। वीएचपी ने इस बात की तैयारी बहुत तेज कर दी है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार पर जल्द से जल्द दबाव बनाकर राम मंदिर (Ram Temple) के बारे में उनके वादे को याद दिलाया जाय।
सरकार को याद दिलाएंगे वादा
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राम मंदिर निर्माण के सिलसिले में चर्चा के लिए इसी महीने अपने बड़े नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है। वीएचपी के वर्किंग प्रेसिडेंट आलोक कुमार (Alok Kumar) के मुताबिक उनका संगठन राम मंदिर (Ram Temple) बनने का अनिश्चितकाल तक के लिए इंतजार नहीं कर सकता। इसलिए, मोदी सरकार के इस कार्यकाल के पहले ही महीने में उसका वादा याद दिलाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि, 'हम एक प्रस्ताव पारित करेंगे और इसे प्रधानमंत्री को देंगे। हम उन्हें याद दिलाएंगे कि आपके घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण का वादा किया गया है।'
कुछ मुद्दों पर समझौता नहीं करेगी वीएचपी
वीएचपी (VHP) नेता के अनुसार अयोध्या(Ayodhya) में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण बीजेपी (BJP) के भी एजेंडे में भी प्राथमिकता में रहा है और लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के सभी घोषणापत्रों में इसका जिक्र भी किया गया है। वीएचपी नेता ने ये भी साफ कहा है कि 'एक बात स्पष्ट है, विहिप दो मुद्दों पर समझौता नहीं करेगी - पहला, भगवान राम के जन्म स्थान पर सिर्फ मंदिर बनेगा और दूसरा, अयोध्या की सांस्कृतिक सीमाओं के भीतर कोई मस्जिद नहीं हो सकती।' इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की 'मार्गदर्शक समिति' की 19-20 जून को हरिद्वार (Haridwar) में बैठक होगी, जहां से प्रधानमंत्री को भेजने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
एक से डेढ़ साल में शुरू हो जाएगा काम- वीएचपी
वीएचपी (VHP) नेता ने ये भी कहा कि इस सरकार ने कुछ दिन पहले ही सत्ता संभाली है, इसलिए वे थोड़ा धैर्य रखना चाहते हैं। लेकिन जब ये बात उठी कि राम मंदिर (Ram Temple) का इंतजार तो तीन दशकों से हो रहा है, जिसमें मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के पांच साल भी शामिल हैं तो उन्होंने तपाक से कहा, 'अब नहीं करेंगे...हम अनिश्चितकाल तक इंतजार अब नहीं करेंगे। राम मंदिर पर एक से डेढ़ साल के भीतर काम शुरू हो जाएगा। मैं अटकलबाजी नहीं कर रहा, बल्कि एक जानकार शख्स के तौर पर बता रहा हूं।' उन्होंने बताया कि हम प्रधानमंत्री से मिलकर बताएंगे कि 'हम अपने संकल्प में दृढ़ हैं (राम मंदिर निर्माण के लिए) ... हम सरकार पर दबाव बनाएंगे। वे (भाजपा) भी चाहते हैं कि ऐसा हो।'
प्रधानमंत्री ने इसपर क्या कहा है?
चुनाव से पहले राम मंदिर (Ram Temple) का मुद्दा सुर्खियों में आया था। लेकिन, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा था कि सरकार न्यायिक प्रक्रिया के नतीजे का इंतजार करेगी। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विचाराधीन है, जहां सभी पक्षों के बीच आपसी बातचीत से कोई सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश हो रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यों वाली मध्यस्थों की कमेटी को अब 15 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। इस कमेटी में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं। इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला हैं।
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