CJI के खिलाफ महाभियोग: कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका
नई दिल्ली। CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग मामले में मंगलवार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका को वापस ले लिया। कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। कांग्रेस ने मामला संविधान पीठ को भेजने पर ऐतराज जताया था। और पीठ के गठन की कॉपी की मांग की थी। जिसे वह कोर्ट में चुनौती देना चाहती लेकिन कोर्ट ने कॉपी देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।
मंगलवार को सांसदों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सवाल पूछा कि मामले की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की पीठ गठित करने का आदेश किसने दिया? हमें इस प्रशासनिक फैसले की कॉपी चाहिए। हम उस आदेश को चुनौती देना चाहते हैं।
इस मामले में बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सीकरी ने कपिल सिब्बल से कहा कि वह मेरिट के आधार पर दलीलें दें। लेकिन सिब्बल अपनी मांगों पर अड़े रहे। सिब्बल ने कहा कि, वह मेरिट के आधार पर अपनी दलीलें नहीं देगें। हमें बेंच के गठन के प्रशासनिक आदेश की कॉपी चाहिए। हम उस आदेश को कोर्ट में चुनौती देने चाहते हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई ऐसा आदेश नहीं है जिसे कोर्ट मैं चुनौती ना दी जा सके। उनका तर्क था कि वह इस ऑर्डर के आधार पर ही इस मामले में आगे बहस करेंगे। लेकिन कोर्ट ने फैसले की कॉपी देने के लिए ना तो हां की और ना ही मना किया।
कोर्ट द्वारा कॉपी ना दिए जाने पर सिब्बल ने कहा कि वह याचिका वापस ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी आपस लेने की अनुमति दे कर मामले को खारि कर दिया। जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एके गोयल की बेंच याचिका पर सुनवाई करने वाले थे।
हालांकि कांग्रेस की ओर से याचिका में दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच से सुनवाई के लिए उचित बेंच के गठन की मांग की गई थी। वहीं बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सीकरी वरिष्ठत के आधार पर छठें नंबर पर हैं। वरिष्ठता के आधार पर दूसरे से पांचवे नंबर के जज, जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस गोगोई, जस्टिस लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ को बेंच में नहीं रखा गया था।
कांग्रेस सांसदों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने सोमवार को कोर्ट में कहा था कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर जरूर हैं लेकिन ये मामला उनसे सीधे जुड़ा है, इसलिए सुनवाई का आदेश दूसरे वरिष्ठतम जज दें। इस पर जस्टिस चेलमेश्वर ने वकीलों से मंगलवार को आने को कहा था।
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