कांग्रेस को अहंकार छोड़ना होगा- जयराम रमेश की दो टूक सलाह
नई दिल्ली- दिल्ली में कांग्रेस की करारी हार के बाद से पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। इसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी कूद पड़े हैं। उन्होंने तो पार्टी नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। रमेश ने कहा है कि सालों पहले सत्ता चली गई, लेकिन नेता मंत्री वाले रवैए से बाहर आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर जल्द पार्टी को फिर से खड़ा नहीं किया गया तो यह पूरी तरह खत्म ही हो जाएगी। उनके अलावा वीरप्पा मोइली जैसे नेताओं ने भी पार्टी में सर्जिकल ऑपरेशन की बात कह दी है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई और नेता भी पार्टी की हार पर गंभीरता से आत्म मंथन की बात कह रहे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद तो दावे बहुत किए गए, लेकिन उन्हें लगता है कि उनपर अमल नहीं किया गया है, जिससे पार्टी की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है।
अप्रासंगिक न हो जाए कांग्रेस- रमेश
दिल्ली चुनाव के बाद पार्टी की दुकान बंद करने जैसी अंदर से उठ रही आवाजों के बीच वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने बहुत बड़ी बात कह दी है। रमेश ने पार्टी को दो टूक सलाह है कि उसे कठोरता के साथ फिर से खड़ा किया जाय या फिर राजनीति में अप्रासंगिक होने के लिए तैयार हो जाए। जयराम रमेश के मुंह से निकले ये शब्द मामूली नहीं हैं। वह पार्टी संगठन के रग-रग से वाकिफ हैं और पार्टी के नीति-निर्धारकों में शामिल रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी दिल्ली चुनाव के मद्देनजर पार्टी में सर्जिकल ऐक्शन तक की नसीहत दे डाली है। रमेश और मोइली से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पार्टी की इतनी बड़ी हार पर सवाल उठा चुके हैं।
हमें घमंड खत्म करना पड़ेगा- रमेश
बड़ी बात ये है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम की ओर से ऐसी नसीहतें केरल की कोच्चि से आए हैं, जहां की वायनाड सीट से राहुल गांधी लोकसभा में दाखिल हुए हैं। रमेश की बातों से जाहिर होता है कि दिल्ली में पार्टी की फजीहत से बड़े नेताओं में किस तरह की खलबली मची हुई है। रमेश ने कहा है, "कांग्रेस नेताओं को फिर से खुद को तैयार करना होगा। अगर पार्टी को प्रासंगिक बने रहना है तो उसे खुद को फिर से खड़ा करना होगा। नहीं तो हम अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। हमें घमंड खत्म करना होगा, 6 साल से सत्ता से बाहर होने के बावजूद कई बार हम में से कुछ मंत्रियों की तरह ही बर्ताव करते हैं।"
नेतृत्व पर भी किया रमेश ने तंज ?
जब उनसे पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा स्थानीय स्तर के नेताओं को प्रोत्साहित और तैयार किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने एक और बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि उन स्थानीय नेताओं को पूरी आजादी और स्वायत्ता दना होगा। उन्होंने कहा, 'हमारे नेतृत्व के काम करने के तरीके को बदलना होगा। बिहार में हम नहीं के बराबर हैं, यूपी में हम लगभग समाप्ति की कगार पर हैं, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हम मजबूत हैं। हरियाणा में हमने वापसी की है।'
भाजपा पर भी निशाना साधा
हालांकि, इस दौरान जयराम ने दावा किया कि दिल्ली के चुनाव नतीजों ने अमित शाह को खारिज कर दिया है, जो भाजपा के मुख्य प्रचारक थे। उनके मुताबिक, 'बीजेपी के चेहरे पर ये जोर का तमाचा है और प्रचार में जिस भाषा और हथकंडों का इस्तेमाल किया गया उसे खारिज किया गया है।' रमेश ये कह रहे थे कि जिस पार्टी ने दिल्ली में 15 साल तक शासन किया, वहां इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में इतना ज्यादा योगदान दिया, फिर इतनी बड़ी हार क्यों हुई इसके बारे में गहराई से सोचना होगा।
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