अब राहुल गांधी की अक्षमताओं को तार-तार करेगी ये वेब सीरीज
बेंगलुरु। देश में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी पर छाये संकट के बादल छटने का नाम ही नही ले रहे हैं। काग्रेंस की इस हालत के लिए लंबे समय से बेहतर प्रतिनिधित्व का अभाव माना जा रहा है। इसके लिए सीधे तौर पर राहुल गांधीकी राजनीतिक की अल्प सोच और सोनिया गांधी के पुत्र मोह को बताया जाता रहा है।आलम ये है कि कांग्रेस के करीबी भी राहुल गांधी को खिल्ली उड़ाने लगे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस के यह करीबी सोनिया के पुत्र मोह पर एक वेबसीरीज तक रिलीज करने जा रहे हैं। यह पहली बार नही है कि कांग्रेसी या कांग्रेस के किसी करीबी ने कांग्रेस को आईना दिखाने का प्रयास किया है। इससे पहले भी राहुल गांधी के विरोध में कांग्रेसियों के स्वर सुनाई देते रहे हैं।
गौरतलब है कि पंकज शंकर कई वर्षों तक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मीडिया सबंधी कामकाज संभालते रहे हैं 2004 में उन्हें दूरदर्शन में सलाहकार नियुक्त किया गया था। पंकज सूचना व प्रसारण मंत्रालय में भी सलाहकार रह चुके हैं। लंबे समय तक गांधी परिवार के करीबी और निष्ठावान रहे शंकर पार्टी के प्रदर्शन के लिए कांगेस के शीर्ष नेतृत्व को निशाना साधते हुए वह राहुल गांधी की कथित विफलताओं को रेखांकित करने के लिए वेब सीरीज भी बना रहे हैं। शंकर ने मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में इसका खुलासा किया। उनका कहना है कि वह इस वेब सीरीज निर्माण करके कांग्रेस के नेतृत्व को सच्चाई दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
पहले बता दें कांग्रेस के करीबी रहे पंकज शंकर ने रविवार को पहले राहुल गांधी के लिए वह राजनीति में इतने साल बाद भी नौसीखिया हैं और पिछले 15 साल से वह राजनीति में इटर्नशिप कर रहे हैं। उनके प्रतिनिधित्व में कांग्रेस दो सीटों के अंको तक सिमट कर रह गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह इंटर्नशिप है जो खत्म ही नहीं हो रहा है। शंकर ने कहा कि राहुल गांधी 2004 में सक्रिय राजनीति में आए, अब 2019 है। यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई में भी नए प्रयोग किए गए। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में प्रयोग किए गए। आम चुनाव में भी प्रयोग किया गया और अमेठी चुनाव परिणाम भी उनके पक्ष में नहीं था। अगला प्रयोग क्या होगा?
अब केवल पार्टी बची है। उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि पुत्रमोह ही तो है ये। उन्होंने कहा, राहुल को राजनीति में आए 15 साल हो गए हैं, उनका पार्टी में इंटर्नशिप पीरियड कब खत्म होगा। हम किसके नेतृत्व में तीन अंकों से गिरकर दो अंकों (सीट की गिनती में) पर आ गए? हर कोई इसके बारे में जानता है। पंकज शंकर ने प्रियंका गांधी वाड्रा की तारीफ करते हुए कहा कि केवल मैं ही नहीं, बल्कि देशभर में किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता से पूछें या विपक्ष में किसी से भी पूछें, वे इस बात से सहमत होंगे कि अगर प्रियंका गांधी ने पार्टी का नेतृत्व किया होता तो कांग्रेस पार्टी की स्थिति इतनी खराब नहीं होती। उन्होंने कहा कि केवल प्रियंका गांधी वाड्रा ही कांग्रेस के भाग्य को बदल सकती हैं लेकिन सोनिया गांधी का 'पुत्र मोह'कांग्रेस में उनकी बेटी के उन्नयन में बाधा बन रहा है।
बात दें शंकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लिए मीडिया प्रबंधन का कार्य संभाला था वह प्रियंका के कार्यक्रमों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप भी चलाते हैं। शंकर ने पीटीआई एजेन्सी को बताया कि इस सीरीज का निर्माण अगले पखवाड़े से शुरु कर देंगे। यह तीन महीने में प्रीमियम वेब चैनलों पर प्रसारित होगा। इस वेब सीरीज में प्रोफेशनल कलाकार अभियन करेंगे। उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि इस वेब सीरीज को बायोपिक में तब्दील किया जा सकता है। हालांकि इसके बारे में उन्होंने कोई खास खुलासा नही किया हैं। उन्होंने बताया कि इस वेब सीरीज कांग्रेस से संबंधित सवाल करेगी इसमें वे बातें और घटनाएं भी शामिल होंगी जिनसे उन लोगों की भूमिका सामने आएगी जिन्होंने पार्टी को इस स्थिति में पहुंचाया है।
वृतचित्र निर्माता रहे शंकर ने इस बात पर अफसोस जताया कि कांग्रेस में हर किसी का मानना है कि प्रियंका चीजों को बदल सकती हैं लेकिन उन्हें मुख्य भूमिका निभाने से रोका जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेतृत्व की भूमिका प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपी जा सकती थी जिनके पास पार्टी में जान फूंकने और उसे वर्तमान स्थिति से बाहर निकालने के लिए व्यक्तित्व और क्षमता भी है लेकिन राहुल ऐसा होने नहीं दे रहे हैं। सोनिया गांधी का पुत्र मोह एक बड़ी बाधा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बदलते समय के साथ खुद को बदलने में विफल रही है और वह इसकी कीमत चुका रही है। शंकर ने कहा कि एक रचनात्मक व्यक्ति होने के चलते वह पार्टी नेतृत्व तक अपनी बात इसी माध्यम से पहुंचा सकते हैं। सीरीज इस बात पर प्रकाश डालेगी कि कैसे कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी की आवाज और पार्टी से सहानुभूति रखने वालों की बातों को नजरंदाज किया। उन्होंने बताया कि यह सीरीज तीन किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें राहुल गांधी की एक कट्टर महिला प्रशंसक जिसने उन्हें उनकी कमियों को बताने और सुझाव देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक महिला रिपोर्टर जो पार्टी से सहानुभूति रखने वाली भी है तथा एक एक टीवी रिपोर्टर जो प्रमुख घटनाओं का वर्णन करता है।
बता दें पिछले दिनों राहुल गांधी के नेतृत्व पर कांग्रेस के अंदर ही विरोध के सुर उठने लगे थे। केरल में युवा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता सीआर महेश ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर उंगली उठाई थीं। महेश ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा था कि अगर राहुल गांधी आगे रह कर पार्टी की अगुवाई नहीं करना चाहते हैं तो उन्हें पीछे हट जाना चाहिए। एक फेसबुक पोस्ट में राज्य युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष सीआर महेश ने कहा था कि 'अगर राहुल को आगे रह कर पार्टी की अगुवाई करने में दिलचस्पी नहीं है तो उन्हें हट जाना चाहिए। आपको अपनी आखें खुली रखनी चाहिए और देखना चाहिए कि पूरे देश में फैली राजनीतिक पार्टी की जड़ें अब उखड़ रही हैं। इनके अलावा समय समय पर राहुल गांधी के पार्टी प्रतिनिधित्व पर उंगली उठती रही है जिस कारण राहुल गांधी को साइड लाइन किया गया और यूपी में प्रियंका को पार्टी को कोमा से निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गयी। लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र चुनाव से पहले कुछ दिनों से साइड लाइन दिख रहे राहुल गांधी चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे जहां सोनिया गांधी का जाना प्रस्वावित था।
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