लद्दाख सीमा पर चीन की गतिविधियों को लेकर लोगों की चिंता दूर करे केंद्र सरकार: कांग्रेस
नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से लद्दाख और सिक्किम में भारतीय सीमा के पास चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। पिछले दिनों लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन के सैनिकों के आमने-सामने के बाद सीमा पर तनातनी बढ़ती जा रही है। सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ता देख कांग्रेस ने सरकार से लोगों की चिंताएं दूर करने का आग्रह किया है। कांग्रेस ने केंद्र को लिखे एक पत्र में कहा है कि लद्दाख स्थिति पर देश विश्वास में लेने के लिए सरकार खुलकर बात करें।
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कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा, लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों की सैन्य गतिविधियों और भारती सेना से तनातनी को लेकर सरकार देश की चिंताओं को दूर करें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस मुद्दे पर अलग-अलग बातें चल रहीं है जिससे भारत के लोग चीन के साथ रिश्तों को लेकर चिंतित हैं। हम भारत सरकार से देश को विश्वास में लेने और लोगों की चिंताओं को दूर करने का आग्रह करते हैं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, चीन और नेपाल के साथ सीमा पर जो भी हो रहा है, इसकी डिटेल्स सरकार को देश के सामने रखना चाहिए।
बता दें कि लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को जवाब देने के लिए इंडियन आर्मी आक्रामक भूमिका में आ चुकी है। चीन उस समय से ही बौखलाया हुआ है जब से लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में सरकार ने बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को आगे बढ़ाना शुरू किया। इस एक बात से ही चीन गुस्से में है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालात फिर से उसी तरह से तनावपूर्ण हो गए हैं जैसे तीन साल पहले डोकलाम में थे। इस संकट से निबटने के लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वहीं टीम एक्शन में है जिसने 73 दिन बाद डोकलाम विवाद कसे सुलझाने में सफलता हासिल की थी।
बुधवार को ओक वीडिय कॉन्फ्रेंस में भारत में चीनी राजदूत सन वेडॉन्ग ने कहा, चीन और भारत एक दूसरे के अवसर हैं, वह एक दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं है। हमें एक दूसरे के विकास को सही तरीके से देखने की जरूरत है ... और हमारे मतभेदों को सही ढंग से हल करने की आवश्यकती है। मतभेदों को कभी भी द्विपक्षीय सहयोग की स्थिति में न आने दें।
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