कांग्रेस के कुछ नेताओं में घुस गई है RSS की आत्मा, उन्होंने खोजकर निकालना बहुत जरूरी: दिग्विजय सिंह
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कुछ कांग्रेसियों की आत्मा में संघ की विचारधारा प्रवेश कर गई है। माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेते हुए यह बयान दिया है। मध्यप्रदेश की राजधानी भेापाल में कांग्रेस के सेवादल के प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने पहुंचे सिंह ने बुधवार को प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस 'सर्वधर्म समभाव' के विचार को लेकर चलती है, उसे लेकर ही आगे बढ़ना होगा, हमें कांग्रेस के अंदर ऐसे लोगों को खोजना होगा, जिनकी आत्मा में संघ की विचारधारा प्रवेश कर गई है।"
दिग्विजय के बयान को पिछले दिनों कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा आर्टिकल 370 और केंद्र सरकार के अन्य फैसलों का समर्थन करने वालों से जोड़कर देखा जा रहा है। उनमें प्रमुख हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिन्होंने आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने का समर्थन किया था। वहीं दिग्विजय सिंह ने सेवादल के प्रशिक्षण शिविर सम्मेलन में शामिल होकर लम्बा वक्त बिताया। दिग्विजय ने लाइन में लगकर खाना खाया और जी भर कर आरएसएस को भला बुरा कहा। उन्होंने कहा कि आज की सारी लड़ाई विचारधारा की है। भारत के संस्कार जोड़ने की है, अब देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि ''आज़ादी के बाद आरएसएस संविधान का विरोधी रहा है। नरेंद्र मोदी डंडे से देश चलना चाहते हैं जो अब सम्भव नहीं है।
दुनिया के सारे देशों में अल्पसंख्यको के संरक्षण का नियम है।'' उन्होंने कहा कि ''सावरकर की पुस्तिका के चर्चे के कारण सेवादल की चर्चा दुनिया में होने लगी है, ये किताब कई साल पुरानी है, तब क्या ये सो रहे थे। सावरकर जब काला पानी गए तब हम उनका सम्मान करते हैं, मगर जब वो माफी मांगकर बाहर निकले तो हम उनके विरोधी बन गये।'' कांग्रेस नेता ने कहा कि ''आरएसएस को हिंदुओं का संगठन नहीं मान सकते।
इसके मूल में फांसीवद का असर है। आरएसएस की मानसिकता तोड़ने वाली है जबकि कांग्रेस की विचारधारा जोड़ने की है।'' उन्होंने कहा कि ''आज संगठन को मजबूत करने की ज़रूरत है। आज कमी यही है कि कांग्रेस पार्टी आईडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स में कमजोर पड़ गयी है और चुनाव की पॉलिटिक्स में ज़्यादा पड़ गयी है।'' दिग्विजय ने कहा, ''सभी धर्मों का मूल इंसानियत है और यही इंसानियत देश को जोड़े रखेगी।''