कोरोना संकट में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर लूटना 'आर्थिक देशद्रोह': कांग्रेस
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर बुधवार को आरोप लगाते हुए कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूटना 'आर्थिक देशद्रोह' है। कांग्रेस ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर करों को बढ़ाकर भारतीयों पर 1.4 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त टैक्स का बोझ बढ़ाया गया है।
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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। देश में गरीब, प्रवासी, दुकानदार और छोटे व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से 130 करोड़ भारतीयों पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों का बोझ भी डाल दिया गया है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। इस तरह से भारतीयों पर आर्थिक बोझ डालना आर्थिक रूप से देश विरोधी है। उन्होंने कहा कि इस संकटकाल में सरकार को देश की जनता पर अतिरिक्त करों का बोझ नहीं डालना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया, 4 मई, 2020 को भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 23.38 अमेरिकी डॉलर या 1772 रुपये प्रति बैरल पड़ती है। 1 बैरल में 159 लीटर होते हैं। यानी आज के दिन देश में प्रति लीटर तेल की लागत 11.14 रु. प्रति लीटर है। देशवासियों को 11.14 रुपये प्रति लीटर वाला तेल 71.26 रुपये प्रति लीटर (पेट्रोल) व 69.39 रु. प्रति लीटर डीजल क्यों बेचा जा रहा है?
सुरजेवाला ने कहा, भाजपा सरकार ने 2014-15 से 2019-20 तक यानी 6 वर्षों में 12 बार पेट्रोल व डीज़ल पर टैक्स बढ़ाकर 130 करोड़ भारतीयों से 17 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं. इस जबरन वसूली का पैसा कहां गया, जब जनता को कोई राहत ही नहीं मिली ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आकर 130 करोड़ भारतीयों को जवाब दें।
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