कांग्रेस बोली देश को नए वित्त मंत्री की जरूरत, निर्मला सीतारमण की समझदारी पर सवाल उठाए
नई दिल्ली- कांग्रेस ने देश की अर्थव्यस्था के मोर्चे पर सीधे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देश की अर्थव्यस्था पर वित्त मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के बाद कांग्रेस ने उन्हें पद से हटाए जाने तक की मांग तक कर दी है। कांग्रेस नेता संजय झा ने कहा है कि भारत को नए वित्त मंत्री की सख्त जरूरत है। दरअसल, शुक्रवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सीतारमण ने दावा किया था कि भारत की जीडीपी तेज गति से बढ़ रही है और यहां तक कि वह कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से भी ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है।
दरअसल, शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि उनकी सरकार में रिफॉर्म लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है और वह सरकारी एजेंडे में शीर्ष पर है। उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर और मुद्रा अवमूल्यन के कारण वैश्विक व्यापार में बहुत ही अस्थिर स्थिति पैदा हुई है। वित्त मंत्री ने दावा किया है कि भारत की जीडीपी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और कई बड़ी अर्थव्यस्थाओं से भी तेज गति से बढ़ रही है। उनके इन्हीं बयानों के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उन्हें हटाए जाने तक की मांग कर दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश की अर्थव्यस्था पिछले 70 वर्षों में सबसे खराब दौर से गुजर रही है।
कांग्रेस ने वित्त मंत्री सीतारमण के भारतीय अर्थव्यस्था को संभालने को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि देश को एक नए वित्त मंत्री की आवश्यकता है। पार्टी ने संजय झा ने ट्वीट करके कहा है कि "भारत को एक नए वित्त मंत्री की सख्त आवश्यकता है। यह सम्माननीय महिला कहती हैं कि भारत की जीडीपी का विकास दर अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। लेकिन, मैडम, अमेरिका 21 ट्रिलियन डॉलर और चीन 14.8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है। क्या आपको ये भी पता है कि 'बेस लेवल' का मतलब क्या होता है? हमारी अर्थव्यवस्था 2.8 ट्रिलियन डॉलर की है।"
इससे पहले कांग्रेस की ओर से एक आधिकारिक ट्वीट में भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को भयावह दिखाया गया था। पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया है कि 70 साल में तरलता का संकट सबसे ज्यादा है, कर राजस्व, खर्च और जीएसटी में भी गिरावट है, जो कि एक ढहती हुई अर्थव्यवस्था और सरकार की ओर इशारा करते हैं। पार्टी ने ये भी आरोप लगाया है कि इसे बचाने को लेकर कोई स्पष्ट उपाय नहीं है।