बड़े नेताओं से राहुल की नाराजगी की खबरों पर कांग्रेस को लगी मिर्ची!
नई दिल्ली- यूथ कांग्रेस ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए बड़े नेताओं की ओर से पद नहीं छोड़ने पर राहुल गांधी की नाराजगी की खबरों का खंडन किया है। यूथ कांग्रेस ने ऐसी खबरों को 'फेक न्यूज' बताया है। दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरे आई थीं कि राहुल गांधी हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद नहीं छोड़ने वाले नेताओं से नाराज हैं। इसके बाद कुछ छोटे नेताओं ने इस्तीफा देने शुरू कर दिए थे, लेकिन बड़े नेताओं की ओर से कोई सुगबुगाहट भी नहीं देखी जा रही थी।
बड़े नेताओं से राहुल की नाराजगी की खबरें फर्जी- कांग्रेस
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबरों के मुताबिक यूथ कांग्रेस ने 26 जून को उसके डेलिगेशन को राहुल गांधी की ओर से कही गई बातों को लेकर मीडिया में चली खबरों को सिरे से खारिज करते हुए 'फर्जी' ठहरा दिया है। यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता अमरिश पांडे ने कहा है कि," भारतीय युवक कांग्रेस हमारे नेताओं के बारे में राहुल गांधीजी की नाराजगी की फर्जी खबरों की निंदा करती है कि पार्टी में कोई भी लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।" दरअसल, उन खबरों के बाद कांग्रेस के कुछ जूनियर नेताओं की ओर से आ रहे इस्तीफे के कारण पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही थी, क्योंकि बड़े नेता तब भी टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हुए।
उन खबरों के बाद इन लोगों ने दिया इस्तीफा
उन कथित 'फर्जी' रिपोर्ट्स के बाद कांग्रेस के एक महासचिव, पांच सचिव, दो विभागें के हेड और प्रदेशों के कुछ और पार्टी पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राम निवास रावत और सुरेंद्र चौधरी ने राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते इस्तीफा दे दिया था।
राहुल से निवेदन के लिए इस्तीफा
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के 35 पदाधिकारियों ने इस मांग को लेकर इस्तीफा दिया कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहें। इसी तरह तेलंगाना में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रेवानाथ रेड्डी और पूर्व राष्ट्रीय सचिव वी हनुमंत राव ने भी अपने प्रभारों से इसी मांग को लेकर इस्तीफा दे दिया कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें। इसी कड़ी में युवक कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी मुख्यालय में बैठक करके पार्टी अधिकारियों पर इस्तीफे का दबाव बढ़ाना भी शुरू कर दिया। इसको लेकर पार्टी की ओर से प्रदर्शन भी हुए थे।
बड़े नेताओं पर नहीं है कोई असर
पिछले दिनों पार्टी के जितने वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की है उनमें से किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। इनमें वे कांग्रेस नेता भी शामिल हैं, जो गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। उनकी दलील है कि पार्टी आलाकमान से इस्तीफे देने जैसे कोई संकेत या सुझाव नहीं मिल रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा से जब पूछा गया कि बड़े नेता इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बने रहने के लिए ,"निवेदन करने का लोगों का तरीका अलग-अलग है।" वैसे यह बात गौरतलब है कि राहुल अशोक गहलोत और पी चिदंबरम जैसे नेताओं पर सिर्फ बेटे को जिताने के लिए समय लगाने की बात स्पष्ट तौर पर जाहिर भी कर चुके हैं। वैसे वरिष्ठ कांग्रेसियों का मानना है कि इस तरह के मुद्दों से पहले से ही कमजोर संगठन को और ज्यादा नुकसान पहुंचने की आशंका है।
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