राजस्थान सियासी संकट: कांग्रेस ने विधायकों को जारी किया व्हिप, 10 बजे अहम बैठक
नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल अपनी अनदेखी से नाराज सचिन पायलट ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, जिसके बाद वह अपने समर्थक विधायकों के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ घेरेबंदी कर रहे हैं, ऐसे में सरकार के सामने खुद को बचा पाने की चुनौती बनी हुई है। प्रदेश को सियासी संकट से उबारने के लिए कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अविनाश पांडे, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन को सक्रिय किया है। इन तीनों ने बीती रात प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया है कि प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार सुरक्षित है।
Recommended Video
सरकार पर किसी भी तरह का खतरा नहीं
अविनाश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया है कि पार्टी के 109 विधायकों ने अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है। बता दें कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी के बाद से ही प्रदेश सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच सचिन पायलट खुलकर सामने आकर कोई बयान देने से बच रहे हैं। लेकिन अविनाश पांडे का दावा है कि सरकार पर किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है और उन्होंने सरकार को लेकर चल रही तमाम अटकलों को सिरे से खारिज किया है।
आज होगी कांग्रेस विधायक दल की बैठक
आज सुबह 10-11 बजे के बीच कांग्रेस के विधायक दल की अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के लिए सभी विधायकों को पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया है और साफ कहा गया है कि जो भी विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करता है उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में अविनाश पांडे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पूरा देश कोरोना संकट से लड़ रहा है तो भाजपा प्रदेश की सरकारों को गिराने की कवायद में जुटी है। प्रदेश के हालात के लिए साफ तौर पर भाजपा ही जिम्मेदार है। अहम बात यह है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना ही इसे खत्म कर दिया गया।
थर्ड फ्रंट की कवायद में सचिन पायलट
सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट प्रदेश में थर्ड फ्रंट बनाने की कवायद में जुटे हैं। दरअसल सचिन पायलट के समर्थन में इतने विधायक नहीं हैं कि वह अशोक गहलोत की सरकार को गिरा सकें, लिहाजा वह थर्ड फ्रंट तैयार करने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि इस कवायद में सचिन पायलट को 30 विधायकों का समर्थन मिल सकता है। अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो 18 विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं। ऐसे में अगर नंबर गेम की बात करें तो 18 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
क्या है नंबर गेम
बता दें कि राजस्थान में मौजूदा समय में भाजपा के पास 72 विधायक हैं, आरएलपी के पास 3 विधायक हैं जो भाजपा पार्टी को अपना समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में भाजपा के पास 75 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के पास कुल 107 विधायक हैं और अन्य निर्दलीय व छोटे दलों के विधायकों के समर्थन को मिलाकर पार्टी के पास 120 विधायकों का समर्थन है। लिहाजा कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरीबन 45 विधायकों का अंतर है। ऐसे में अगर 18 विधायक कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे भी देते हैं तो भी अशोक गहलोत सरकार पर किसी तरह का संकट आता नहीं दिख रहा है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, बहुमत के लिए 101 सीटों का होना जरूरी है।