मोदी सरकार ने अगस्ता को ब्लैकलिस्ट से क्यों निकाला, इसकी जांच हो: कांग्रेस
नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर कांग्रेस ने एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को कहा कि ये भी सच्चाई सामने आनी चाहिए कि आखिर मोदी सरकार ने ब्लैकलिस्टेड अगस्ता वेस्टलैंड को रातोंरात ब्लैकलिस्ट से बाहर क्यों किया और क्यों उसे मेक इन इंडिया में साझीदार बनाया गया। सुरजेवाला ने कहा, सच तो यह है कि चौकीदार पर ही दाग है।
सुरजेवाला ने कहा कि मामले में सोनिया गांधी या दूसरे किसी नेता का नाम लिया जाना सिर्फ एक गढ़ा हुआ झूठ है। सुरजेवाला ने 2019 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर इस पूरे मामले की जांच कराने की भी बात कही है। सुरजेवाला ने अगस्ता वेस्टलैंड को ब्लैकलिस्ट से हटाने के अलावा विदेशी निवेश बोर्ड से निवेश की इजाजत दिलवाने पर भी सवाल किया। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में चल रहे सारे मुकदमे हार गई और अपील तक नहीं की।
सुरजेवाला ने बताया, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी पैरेंट कंपनी फिनमेकेनिका से फरवरी 2010 में अंतरराष्ट्रीय टेंडर के माध्यमस से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा तय हुआ जिसकी कीमत 3,546 करोड़ रुपए तय हुई। फरवरी 2013 में इस पर कुछ संदेह हुए तो यूपीए सरकार ने सीबीआई को जांच सौंप दी। जनवरी 2014 को यूपीए सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया। यूपीए सरकार ने कंपनी की 240 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त की और मिलान, इटली में अंतरराष्ट्रीय बैंक गारंटी की रिकवरी के लिए मुकदमे दायर किए।
सुरजेवाला ने कहा, 2013 में अगस्ता वेस्टलैंड को ब्लैकलिस्टेड करने की कार्यवाही यूपीए सरकार ने शुरू की और जुलाई 2014 को उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया लेकिन अगस्त 2014 को मोदी सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड को ब्लैकलिस्ट से बाहर कर दिया। मोदी सरकार ने अगले साल मार्च 2015 में अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिका को मेक इन इंडिया का हिस्सा बनाया गया। इसके बाद इस कंपनी को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से इजाजत दिलवाकर हेलीकॉप्टर ए डब्ल्यू-119 अगस्ता वेस्टलैंड को हिंदुस्तान में बनाने की इजाजत दी। 2017 में मोदी सरकार ने इसी कंपनी को 100 हेलिकॉप्टर की खरीद में हिस्सेदार बना लिया।