कांग्रेस बोली- राफेल का भारत में स्वागत, आज हर देशभक्त पूछे मोदी सरकार से ये चार सवाल
नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल आज भारत पहुंच गए हैं। सोमवार को राफेल फ्रांस के मेरीनेक से भारत के लिए रवाना हुए थे। बुधवार दोपहर पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा अंबाला एयरबेस पर उतरा। भाजपा ने इसे वायुसेना और देश के लिए ऐतिहासिक कहा है। वहीं 2015 से ही राफेल डील में घोटाले का गंभीर आरोप लगाती रही कांग्रेस ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राफेल के भारत आने का स्वागत करते हुए चार सवाल मोदी सरकार से पूछे हैं।
सब पूछें ये चार सवाल
कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है- राफेल का भारत में स्वागत और वायुसेना के जाबाँज लड़ाकुओं को बधाई। आज हर देशभक्त ये जरूर पूछे-
- ₹526 करोड़ का एक रॉफेल अब ₹1670 करोड़ में क्यों?
- 126 रॉफेल की बजाय 36 ही क्यों?
- मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ़्रान्स क्यों?
- 5 साल की देरी क्यों?
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दिग्विजय भी हुए हमलावर
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर राफेल की कीमतों को लेकर सवाल किया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- एक राफेल की कीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी लेकिन 'चौकीदार' महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफेल कितने में खरीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्या चौकीदार की चोरी उजागर हो जाएगी?
एक और ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा- आखिर राफेल जेट आ गया। 126 राफेल खरीदने का कांग्रेस नेतृत्व में यूपीए सरकार ने 2012 में फैसला लिया था और 18 को छोड़कर बाकी का भारत सरकार की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफल की कीमत 746 करोड़ रुपए तय की गई थी लेकिन मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ पीएम मोदी ने बिना रक्षा मंत्रालय और कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया। एचएएल का हक मार कर निजी कंपनी को दे दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफेल के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय लिया। क्या पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
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फ्रांस से खरीदे गए हैं राफेल जेट
भारत ने 36 राफेल जेट फ्रांस से खरीदे हैं। फ्रांस सरकार के साथ 2015 में 36 राफेल की डील भारत सरकार ने साइन की थी। इससे पहले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते राफेल को लेकर डील हुई थी लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे कैंसिल कर फिर से डील की थी। अभी तक भारत के अलावा इजिप्ट और कतर की वायुसेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं। बता दें कि राफेल की लैंडिंग को लेकर अंबाला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। पूरे शहर में धारा 144 लगी हुई है। आईएएफ ने फोटो और वीडियो लेने पर पाबंदी लगा दी थी।