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पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर खड़े किए ये गंभीर सवाल

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामाम में पिछले वर्ष सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। आज ही के दिन सीआरपीएफ के दस्ते पर फिदायीन हमला हुआ था। पूरा देश पुलवामा के शहीदों को आज याद कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। लेकिन इस बीच कांग्रेस ने पुलवामा के शहीदों को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर सरकार हमारे बहादुर जवानों के नाम क्यो नहीं बताती है।

सुरजेवाला ने खड़ा किया सवाल

सुरजेवाला ने खड़ा किया सवाल

रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके लिखा कि हर भारतीय को पुलवामा के शहीदों पर गर्व है। आखिर मोदी सरकार बहादुर जवानों का नाम क्यों नही बता सकती है। आखिर क्यों सरकार शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद नहीं दे रही है। यही नहीं सुरजेवाला ने इस मामले की जांच रिपोर्ट छिपाने का भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों जांच की रिपोर्ट को छिपाया जा रहा है। आखिर भाजपा की सरकार क्या छिपा रही है, यह देश जानना चाहता है। अपने इस ट्वीट के साथ रणदीप सुरजेवाला ने गृहमंत्रालय के एक दस्तावेज को भी साझा किया है।

इस वजह से नहीं दी गई जानकारी

यह दस्तावेज आरटीआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्रालय की एक प्रति है। दरअसल आरटीआई के जरिए सरकार से पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के नाम और उनके परिवार को सरकार द्वारा मुहैया कराई गई वित्तीय मदद की जानकारी मांगी गई थी। जिसके जवाब में गृहमंत्रालय की ओर से लिखा गया है कि आपके द्वारा पूछे गए सवाल पर गहनता से विचार किए जाने के बाद यह अवगत कराया जा रहा है कि आरटीआई के तहत सीआरपीएफ को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की सूचना देने से मुक्त रखा गया है।

भ्रष्टाचार व मानवाधिकार के उल्लंघन के तथ्य नहीं

भ्रष्टाचार व मानवाधिकार के उल्लंघन के तथ्य नहीं

यही नहीं गृहमंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में लिखा गया है कि आवेदक ने आरटीआई आवेदन के तहत ऐसा कोई भी तथ्य नहीं दर्शाया है जिससे यह प्रतीत हो कि यह मामला भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित है। लिहाजा यह विभाग आरटीआई एक्ट के तहत आवेदिका को सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य नहीं है। अगर आप उक्त जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19 के अनुसार 30 दिन के भीतर अपीलीय प्राधिककारी के समक्ष आवेदन कर सकती हैं।

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

गौरतलब है कि आज पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत की याद में इन जवानों के सम्मान में लथपोरा कैंप में एक मेमोरियल का उद्घाटन किया गया। जहां सभी 40 सीआरपीएफ के जवानों के नाम उनकी तस्वीर के साथ लगी है। यह उस जगह के बेहद करीब बनाया गया है, जहां पर आतंकियों ने इस फिदायीन हमले को अंजाम दिया था।

आत्मघाती हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

आत्मघाती हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

14 फरवरी को जब अवंतिपोरा से सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था, उसी वक्त एक कार ने इस काफिले के साथ चल रहे वाहन को आकर अचानक टक्कर मार दी और इसके साथ ही जबरदस्त धमाका हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। धमाके के बाद आसपास का मंजर ऐसा था कि उसे देखकर किसी का भी कलेजा कांप उठे। इस हमले की जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली थी।

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English summary
Congress questions Modi government over Pulwama terror attack and martyrs.
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