राजीव हत्याकांड: कांग्रेस ने भाजपा की चुप्पी पर उठाए सवाल
दुखद वास्तविकता है कि कुछ राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर हमेशा चुप रही हैं, जो गलत संदेश देता है।" उन्होंने कहा, "कुछ राज्यों में आतंकवाद के नाम पर फर्जी मुठभेड़ हुए हैं, जबकि कुछ राज्यों में आतंकवादी रिहा किए जा रहे हैं। यह गलत है।" सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी पार्टी से संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठने की मांग की।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की हत्या देश की एकता और अखंडता पर प्रहार है। इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हर पार्टी को संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठ कर देखना चाहिए।" इस बीच, भाजपा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ सहानुभूति रखती है लेकिन पार्टी को दया याचिका पर विचार करना चाहिए था। भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकबी ने कहा, "सरकार उनकी दया याचिका पर क्यों बैठी रही? वे फैसला क्यों नहीं ले पाए?"
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने बुधवार को सातों दोषियों वी.श्रीहरण ऊर्फ मुरुगन, टी.सुथेंद्रराजा ऊर्फ संथन, राबर्ट पायस और जयकुमार (श्रीलंकाई नागरिक) और एजी पेरारीवलन ऊर्फ अरिवु, नलिनी और रविचंद्रण (भारतीय नागरिक) को रिहा करने की घोषणा की थी। ये सभी 1991 से जेल में बंद हैं।