डॉ. कफील की रिहाई के लिए प्रियंका गांधी की योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी, कहा- उन्होंने निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधा ने जेल में बंद डॉ कफील खान की रिहाई की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है। प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वो डॉ कफील को न्याय दिलवाने का प्रयास करें। प्रियंका गांधी ने गुरु गोरखनाथ की एक सबदी भी अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लिखी है। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डॉक्टर कफील खान राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिए भाषण को लेकर उन्हें जेल हुई है।
प्रियंका गांधी ने चिट्ठी में क्या लिखा
प्रियंका गांधी ने गुरुवार को योगी आदित्यनाथ के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है कि मैं पत्र के जरिए आपका ध्यान डॉ कफील के मामले की तरफ दिलाना चाहती हूं। वे 450 से ज्यादा दिन जेल में गुजार चुके हैं। डॉ कफील ने मुश्किल हालात में लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की है। मुझे उम्मीद है कि आप संवेदनशीलता दिखाते हुए डॉ कफील को न्याय दिलाने का काम करेंगे। प्रियंका ने गुरु गोरखनाथ की एक सबदी लिखते हुए कहा है कि ये आपको मेरा निवेदन मानने के लिए प्रेरित करेगी। सबदी का अर्थ है कि किसी से भेज ना करो और मीठी वाणी बोलो। अगर सामने वाला आग बनकर जल रहा है तो हे योगी तुम पानी बनकर उसे शांत करो।
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कांग्रेस का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भी चला रहा अभियान
कांग्रेस का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भी उत्तर प्रदेश में डॉ कफील की रिहाई के लिए अभियान चला रहा है। कफील खान की रिहाई की मांग को लेकर कांग्रेस के आंदोलन में लोगों से हस्ताक्षर लेना, भूख हड़ताल, सोशल मीडिया कैंपेन और दरगाहों तक जाना शामिल है। पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने खान की रिहाई की मांग को लेकर बीते शुक्रवार से ही यूपी के विभिन्न जिलों से हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है।
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2017 में चर्चा में आए थे डॉ कफील
कफील खान अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले से चर्चा में आये थे। जब उन्होंने स्तर पर ऑक्सीजन का इंतजाम कर बच्चों को बचाने की कोशिश की थी। बाद में अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में इंसेफेलाइटिस से मौतों के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हीं को गिरफ्तार किया गया था। अप्रैल 2018 में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और आदित्यनाथ सरकार की तरफ से शुरू की गई एक विभागीय जांच में सितंबर 2019 में उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। डॉक्टर कफील को पिछले साल दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद डॉ. खान पर 14 फरवरी को NSA के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया।
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