नेहरू के बहाने फिर सहेली बन जायेंगी सोनिया-ममता?
नई दिल्ली। जैसा कि आपको मालूम है कि कांग्रेस देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू के 125वीं जयंती समारोह की तैयारियों में जुटी है लेकिन इस समारोह के सहारे वो अपनी खोई हुई शाख को वापस पाने कोशिशें कर रही है। इसलिए वो अपने पुराने खोये हुए नाराज साथियों को मनाने का भी प्रयास कर रही है।
कांग्रेस दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस एक भव्य आयोजन कर रही है जिसमें मुख्य तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी मौजूद रहेंगे।
इस कार्यक्रम में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आरजेडी, जेडीयू, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस को भी निमंत्रण भेजा है लेकिन कांग्रेस ने पीएम मोदी को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की पुरजोर कोशिशें हैं कि वो एक बार फिर से अपनी पुरानी साथी ममता बैनर्जी, जो कि उनसे रूठी हुई हैं, को मना लें। कहा जा रहा है कार्यक्रम में आने का निमंत्रण देने के लिए ममता को सोनिया गांधी ने खुद फोन किया है। इसलिए सबकी नजर इस कार्यक्रम में ममता बैनर्जी और सोनिया गांधी पर रहेंगी।
सोनिया ने ममता को पर्सनली निमंत्रण दिया
तीसरे महामोर्चे की तरह सोनिया गांधी भी अब सांप्रदायिक ताकतों के मजबूत होने के कारण सेक्युलर ताकतों का एकजुट करने वाले फंडे पर काम कर रही हैं। ममता और मोदी के बीच में बनती नहीं है इस बारे को कांग्रेस भी जानती है इसलिए वो एक बार फिर से ममता की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा सकती है।
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन में लोकतंत्र, समग्रता, भारत का सशक्तिकरण व प्रतिनिधि वैश्विक व्यवस्था पर नेहरू के दृष्टिकोण को लेकर चर्चा होगी।
सोनिया के लिये लवली नहीं रहे दिल्ली के लवली
शर्मा ने कहा, "यह सम्मेलन 21वीं सदी की मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में नेहरू के वैश्विक दृष्टिकोण और परंपरा पर प्रकाश डालने के लिए एक मंच मुहैया कराएगा।"सम्मेलन की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। वहीं, उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि मोदी को सम्मेलन में शामिल होने का न्यौता नहीं भेजा गया है।