राहुल गांधी ने जो कहा सो किया, आज मंदिर, फिर चर्च और दरगाह में टेकेंगे मत्था
बेंगलुरू। आज से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के प्रचार अभियान की शुरूआत कर दी है। बीते दिनों संपन्न हुए कांग्रेस के पूर्ण अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी के उन सवालों का जवाब भी दिया था, जिसमें उनके मंदिर जाने पर सवाल उठाए जा रहे थे। हालांकि आज से शुरू हो रहे राहुल के कर्नाटक चुनाव अभियान में भी 3 धार्मिक स्थलों का दौरा शामिल है। अधिवेशन के दौरान राहुल ने कहा था कि 'गुजरात चुनाव के दौरान काफी लोगों ने मुझसे कहा कि मैं मंदिर जाता हूं जबकि मैं सालों से, गुजरात चुनाव के काफी पहले से मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे में जाता रहता हूं।' राहुल ने जो अधिवेशन में कहा था, उसका असर अब दिख रहा है। दरअसल, आज शुरू हुए कांग्रेस के चुनावी अभिया के तीसरे चरण में राहुल के दौरे में मंदिर, दरगाह और चर्च तीनों जगह का दौरा शामिल है।
इन तीन धार्मिक स्थलों पर जाएंगे राहुल
राहुल के दौरे में आज शाम 7 बजे दक्षिण कन्नड़ जिला स्थित मैंगलोर के रोजारियो चर्च में जाएंगे। इसके बाद राहुल 7.15 बजे मैंगलोर स्थित गोकर्णनाथेश्वर मंदिर जाएंगे। वहां पूजा अर्चना करने के बाद वो 8 बजे जिले के ही ऊल्लाल दरगाह जाएंगे। माना जा रहा है कि राहुल के दौरे में चर्च, मंदिर और फिर दरगाह का दौरा सभी चुनावी समीकरणों को साधने के लिए तो बनाया ही गया है इसके साथ ही इस योजना से कांग्रेस के सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल की करनी को कथनी में बदलने के लिए भी प्रयोग में लाया जा रहा है।
दो पुजारियों की कहानी भी सुनाई थी
अधिवेशन के दौरान राहुल ने दो पुजारियों की कहानी भी सुनाई थी। राहुल ने कहा था किमैं आपको दो मंदिरों की कहानी बताता हूं। मैं एक शिव मंदिर में गया। वहां पंडित जी बैठे थे। मेरी सवाल पूछने की आदत है। मैंने पंडित जी से पूछा कि गुरुजी आप बताइए कि आपने जल डाला, दूध डाला, ये सब क्या किया। पंडित जी ने मुझसे पूछा कि पहले अपनी सिक्यॉरिटी को बाहर करो। मैंने किया। फिर उन्होंने मुझे पीछे दीवार की तरफ खड़ा कर मत्था टेकने को कहा। फिर कहा कि मैं यहां का नहीं कश्मीर का हूं, पर किसी से बताना मत। तुझे भगवान देखना है तो जहां तू देखेगा तुझे भगवान दिखेगा।'
बीजेपी का धर्म केवल सत्ता को छीनने के लिए
राहुल ने दूसरे शिव मंदिर का वाकया सुनाते हुए कहा, 'इसके बाद मैं दूसरे मंदिर गया। दूसरा मंदिर भी शिव का मंदिर था। वहां भी मैंने यही सवाल पूछा कि गुरुजी आपने ये क्या किया। गुरुजी ने कहा बेटा यह मत पूछ। पंडित जी ने कहा कि मैंने पूजा कर दी है तुम्हारे लिए। अब तुम पीएम बनने जा रहे हो। पंडित जी ने कहा कि वह छत देख रहे हो। मैंने कहा, हां गुरुजी। क्या है छत पर। मैंने कहा सीमेंट है गुरुजी। तब उन्होंने कहा कि ऐसा करना जब तुम पीएम बन जाओगे उस छत पर सोना लगा देना।' राहुल गांधी ने कहा कि इससे आप फर्क समझिए। हमारा भगवान पूरी दुनिया में है। मंदिर में है, मस्जिद में है, चर्च में है गुरुद्वारे में है। हम सच्चाई के सिपाही हैं। बीजेपी का धर्म केवल सत्ता को छीनने के लिए है।
कही गई बातों पर पार्टी अमल में लाएगी!
राजनीतिक समीक्षकों की मानें तो तीसरे फेज के इस दौरे में राहुल के कार्यक्रम में मंदिर ,चर्च और दरगाह तीनों जगह का कार्यक्रम रखना, इस बात के संकेत हैं कि कांग्रेस अधिवेशन में कही गई बातों पर पार्टी अमल में लाएगी। गौरतलब है कि अधिवेशन के बाद राहुल का यह पहला चुनावी दौरा है। इस दौरे में जिस तरह से राहुल की कही बातों को कांग्रेस अमल में ला रही है उससे यह कहा जा सकता है कि भविष्य में बाकी बातों पर भी पार्टी काम करेगी।