राहुल गांधी ने मोहन भागवत से पूछा, क्या आप खुद को भगवान समझते हो?
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के सिरी फोर्ट में देश के अलग-अलग हिस्सों के शिक्षाविदों से संवाद किया। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले वह देशभर के समाज के अलग-अलग तबकों से मिल रहे हैं। शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि, मैं यहां शिक्षक के तौर पर नहीं आया हूं, बल्कि छात्र के रूप में आया हूं ताकि आपके विचारों को सुन सकूं। इसी कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि, अपने भाषण में मोहन भागवत ने कहा, हम राष्ट्र को संगठित करने जा रहे हैं। वो देश को संगठित करने वाले कौन होते हैं? श्रीमान मोहन भागवत क्या आप अपने आप को भगवान समझते हो? देश खुद अपने को संगठित करेगा। अगले कुछ महीनों में उनका सपना चकनाचूर हो जाएगा।
राहुल गांधी ने अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि, अमित शाह ने भारत के लिये कहा ये सोने की चिड़िया है, यानी वो भारत को एक प्रोडक्ट के तौर पर देखते हैं, ये आरएसएस और भाजपा का दृष्टिकोण है। मेरे लिए भारत के साथ बातचीत किए बिना भारत का नेतृत्व करना असंभव है। सोच ये है कि, आपके दिल में जो कुछ भी है वो मुझमें प्रतिबिंबित होना चाहिए। हम आरएसएस द्वारा 'सोने की चिड़िया' पर कब्ज़ा करने की कोशिश के खिलाफ लड़ रहे हैं। शिक्षण संस्थान, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग इन सभी पर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है।
राहुल ने कहा कि, मैं समझता हूं कि आपको लगता है कि आप लोगों पर एक विचारधारा थोपी जा रही है। मैं समझता हूं कि आपको लग रहा है कि आपकी स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है लेकिन आप अकेले नहीं है जो ऐसा महसूस कर रहे हैं। इस देश के मजदूर, शिक्षक और लगभग सभी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि ये देश ऐसा नहीं है जहां एक ही प्रकार का विचार सभी जगहों पर लागू हो सके।
वहीं राहुल गांधी ने शिक्षा प्रणाली से एड-हॉक शिक्षकों की नियुक्ति जैसी प्रक्रिया को खत्म करने की वकालत की। दरअसल एक महिला एड-हॉक शिक्षक ने सरकार पर आऱोप लगाते हुए कहा कि, वह 11 साल से एड-हॉक के तौर पर काम कर रही है। उसे ना तो छुट्टियां मिलती हैं और ना ही कहीं सेमीनार में जाने का मौका मिलता है।
राहुल गांधी ने कहा कि, शिक्षक देश के बेहद महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जो काफी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा ये दो ऐसी चीजें हैं, जो वास्तव में किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं। कोई यदि विश्वविद्यालय में पढ़ा रहा है तो उसको अपने भविष्य के प्रति स्थायित्व दिखना चाहिए। उसके दिल में ये नहीं होना चाहिए कि कल मुझे नौकरी से निकाला जा सकता है।
राफेल पर राहुल गांधी का हमला- 'मोदी जी आपको शर्म आनी चाहिए, आपने देश की आत्मा से विश्वासघात किया'