राजस्थान चुनाव: टिकट बांटने के लिए इन सख्त गाइडलाइंस पर कांग्रेस में हो रहा मंथन
जयपुर। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें कांग्रेस को सबसे ज्यादा सत्ता पाने की उम्मीद राजस्थान में हैं। राजस्थान का चुनावी ट्रेंड कुछ ऐसा है कि यहां हर चुनाव बाद सत्ता परिवर्तन होता है। इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सबसे करीब नजर आने वाले अशोक गहलोत भी राजस्थान से ही आते हैं। कांग्रेस पार्टी के अंदर की खबर यह है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में उम्मीदवारों के चयन से जुड़ी बेहद सख्त गाइडलाइंस पर विचार चल रहा है। गाइडलाइंस कुछ ऐसी हैं कि अगर लागू हो जाएं तो राजस्थान कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के टिकट मिनटों में कट जाएंगे। यही वजह है कि गाइडलाइंस पर काफी समय से मंथन चल रहा है, लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।
उम्मीदवारों के सलेक्शन की इन गाइडलाइंस पर हो रही माथापच्ची
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने कई मौकों पर 'पैराशूट उम्मीदवारों' का जिक्र किया। मसलन दूसरी पार्टियों के लोग चुनावी मौसम में पार्टियां बदलते हैं और टिकट पा जाते हैं। पार्टी छोड़कर जाने वाले भी इसी मौसम में कई बार घर वापसी कर लेते हैं। राहुल गांधी ने वादा किया है कि वह पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता को उसका हक दिलाएंगे। उसे टिकट मिलेगा। राहुल गांधी अब पार्टी अध्यक्ष हैं। ऐसे में वह टिकट बांटे के संबंध में नजीर पेश करना चाहते हैं। इसी नजीर से जुड़ी हैं ये सख्त गाइडलाइंस:
- एक ही सीट पर दो बार हारे प्रत्याशी को न दिया जाए टिकट
- 35 से 40 फीसदी उम्मीदवारों की उम्र 50 से कम होनी चाहिए
- महिला उम्मीदवारों को कम से कम 15 प्रतिशत सीटों पर प्रतिनिधित्व दिया जाए
- पूर्व और वर्तमान सांसदों को विधानसभा चुनाव का टिकट न दिया जाए
- जिलाध्यक्ष चुनाव लड़ें, इससे पार्टी के कैंपेन पर असर पड़ता है
- केवल उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट मिले, जिन्होंने कम से कम पार्टी के साथ 5 साल काम जरूर किया हो
- 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को टिकट न दिया जाए
अब ये गाइडलाइन अगर लागू हो गईं तो बड़े-बड़ों के टिकट कट जाएंगे। इस वजह से राजस्थान कांग्रेस में हलचल मची हुई है।
सर्वे के आधार पर टिकट बंटवारे की भी चर्चा
खबर यह भी है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के लिए कांग्रेस पार्टी सर्वे का भी सहारा ले रही है। सर्वे कराने का जिम्मा एआईसीसी को सौंप गया है। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में आयोजित किए गए 'मेरा बूथ मेरा गौरव' सम्मेलन के दौरान एक सीक्रेट रिपोर्ट भी तैयार की गई है, जिसमें संभावित उम्मीदवारों का पूरा ब्योरा है। ऐसा कहा जा रहा है कि जिस दावेदार की एआईसीसी के और सहप्रभारियों के सर्वे में अच्छी रिपोर्ट आएगी, उसे ही टिकट मिलने की ज्यादा संभावना होगी। इन चार सहप्रभारियों के नाम हैं- विवेक बंसल, देवेन्द्र यादव, तरुण कुमार और काजी निजामुद्दीन। ये सभी स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा को रिपोर्ट देंगे।
युवाओं को फ्रंटफुट पर लाने की तैयारी में राहुल गांधी की टीम
राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर जिन सख्त गाइडलाइंस पर मंथन चल रहा है। उसका मकसद है पार्टी में युवाओं को फ्रंटफुट पर लाना। कोशिश यह है कि युवाओं के जोश से कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकी जाए। संगठन को ज्यादा मजबूती मिले और नई सोच भी पार्टी के साथ जुड़े।