राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पेश, बोले सिब्बल- मुसलमान आपसे नहीं डरता अमित शाह जी, हम डरते हैं तो सिर्फ...
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और इसी बीच राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया है। इससे पहले सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया था। राज्यसभा में इस बिल का विरोध हो रहा है लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा को उम्मीद है कि विधेयक को राज्यसभा में आसानी से पारित करवा लिया जाएगा। विधेयक पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। उच्च सदन में बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि अमित शाह ने लोकसभा में बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस पर देश बंटवारे का आरोप लगाया, जो पूरी तरह गलत है। सिब्बल ने कहा, 'मेरी मांग है कि अमित शाह को इस आरोप को वापस लेना चाहिए।'
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कपिल सिब्बल ने कहा कि आप इस बिल से इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि गृहमंत्री ने इतिहास कहां से पढ़ा है। टू नेशन थ्योरी कांग्रेस की नहीं थी। आप इतिहास की बुनियाद को बदलने जा रहे। यही नहीं कपिल सिब्बल ने अमित शाह की उस टिप्पणी पर भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के किसी भी मुस्लिम को डरने की जरूरत नहीं है। सिब्बल ने कहा कि हम या देश का मुसलमान आपसे या आपकी सरकार से नहीं डरता है। सिब्बल ने कहा कि हम वह लोग हैं, जो सिर्फ संविधान से डरते हैं।
Kapil Sibal, Congress in Rajya Sabha during discussion on #CitizenshipAmmendmentBill2019 : Those who have no idea of India cannot protect the idea of India. https://t.co/l19Ths6Nid
— ANI (@ANI) December 11, 2019
कपिल सिब्बल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें पता है आपका लक्ष्य क्या है। ये मैं 2014 से जान रहा हूं। अनुच्छेद 370 का हटाया जाना, तीन तलाक, सीबीसी, एनआरसी और फिर एनआरसी... सब पता है. आप चाहते हैं लोगों को उसके नाम से पहचानना। आपको बता दें कि इससे पहले शिवसेना के संजय राउत ने सदन में कहा कि जो बिल का समर्थन करेंगे वो देश भक्त होंगे और जो नहीं करेंगे वो देशद्रोही होंगे... ये मैंने पढ़ा है।
ये भी पढ़ा कि जो बिल का विरोध कर रहे हैं वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। संजय राउत ने कहा कि ये पाकिस्तान की संसद नहीं है। ये भारत की है। हमारे मजबूत प्रधानमंत्री, हमारे मजबूत गृहमंत्री... आपसे बहुत आशा है। जिस स्कूल में आप पढ़ते हैं हम उसके मास्टर है। हम शरणार्थियों को शरण दे रहे हैं तो घुसपैठियों को निकालना चाहिए। मानवता के आधार पर हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए।