टूटा राहुल और उमर का गठबंधन, कश्मीर में अकेले लड़ेगी कांग्रेस
कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, उमर से तोड़ा रिश्ता
दोनों ही पार्टियों के बीच मनमुटाव लंबे अरसे से चला आ रहा था लेकिन कांग्रेस युवराज राहुल गांधी और कश्मीर के मुखिया सीएम उमर अब्दुल्ला के बीच दोस्ती होने के कारण इस मामले को दबाया जा रहा था लेकिन दोनों ही पार्टी के अंदर काफी समय से हाय-तौबा मची हुई थी जिसके कारण आज दोनों का गठबंधन टूट गया है।
राहुल-उमर नहीं रहे दोस्त अब लड़ेंगे आमने-सामने
मालूम हो कि देश के जम्मू-कश्मीर में द्विसदनीय व्यवस्था है, जिसके तहत विधानसभा के सदस्य तो सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव जनता के चुने हुए विधानसभा के 87 सदस्य करते हैं। उमर अब्दुला के विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा हो रहा है और इसलिए कश्मीर में चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं।
सीएम उमर अब्दुल्ला की धमकी से बढ़ी कांग्रेस की सांसे
ऐसे में किसी भी पार्टी को सत्ता पर काबिज होने के लिए 44 सीटों की जरूरत होती है ऐसे में कौन सी पार्टी इस आंकड़े को पार कर पाती है इस बारे में पता तो चुनाव बाद ही चलेगा लेकिन निश्चित तौर पर यह कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी क्योंकि राहुल गांधी ने जहां-जहां चुनाव प्रचार किया है वहां-वहां पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है।
जिसका नतीजा यह हुआ कि जहां आम चुनाव 2014 में राहुल की अगुवाई में चुनाव लड़कर कांग्रेस हैट्रिक पूरा करना चाह रही थी वहीं दूसरी और उसे आज नेता प्रतिपक्ष के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।ऐसे में राजनीतिक समीक्षकों की नजर में कश्मीर का चुनाव राहुल गांधी के लिए खुद को साबित करने का कड़ा इम्तिहान है।