राज्यसभा में बोले पी चिदंबरम, कर्नाटक-गोवा जैसे हालातों में नहीं सुधरेगी अर्थव्यवस्था
कर्नाटक की तरह राजनीतिक अस्थिरता में नहीं आने वाले विदेशी निवेशक
नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने गुरुवार को सदन में कर्नाटक और गोवा में राजनीतिक अस्थिरता को लेकर सवाल उठाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि जिस तरह क राजनीति हो रही है, उससे भारत की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर हो रहा है। इस तरह की अस्थिरता में कोई भी विदेशी कंपनी निवेश नहीं करेगी। ऐसे में बेहतर आर्थिक स्थिति के लिए राजनीतिक स्थिरता भी जरूरी है।
चिदंबरम ने कहा, मुझे उम्मीद कर रहा था कि बेहतर माहौल में मुझे अपनी बात रखने का मौका मिलेगा लेकिन मैं खुश नहीं हूं। सिर्फ इसलिए नहीं कि कल भारतीय टीम क्रिकेट वर्ल्डकप में अपना मैच हार गई बल्कि इसलिए भी क्योंकि लोकतंत्र हर दिन नए खतरे में दिख रहा है।
राज्सभा में चिदंबरम ने कहा, कर्नाटक और गोवा में हम जो देख रहे हैं वो सिर्फ खराब राजनीति का नमूना नहीं है बल्कि इससे अर्थव्यवस्था का भी नुकसान हो रहा है। विदेशी निवेशक भारत की मीडिया को देखकर फैसले नहीं करते इसलिए उन्हें सब ठीक नहीं दिख रहा है। वो जब राजनीतिक अस्थिरता देखेंगे तो निवेश नहीं करेंगे।
बजट पर चर्चा के दौरान चिदंबरम ने बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि बेरोजगारी की भयावहता को समझना होगा। मैं वित्तमंत्री को कोई दोष नहीं दे रहा लेकिन खलासी की 62,907 पोस्ट के लिए 82 लाख लोग अप्लाई करते हैं जिसमें 4 लाख 19 हजार बीटेक और 41 हजार इंजीनियरिंग में मास्टर्स हैं तो आप इस हालात को समझिए। आपके पास 303 सीटे हैं, सहयोगियों को मिला दें 350 से ज्यादा लोकसभा मेंबर आपके पास हैं, ऐसे में क्यों नहीं आप अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कुछ बोल्ड कदम उठाते हैं। चिदंबरम ने वित्तमंत्री सीतारमण से अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि मैं और मनमोहन सिंह जी तो आपस में कह रहे थे कि उनको इस तरह का मैंडेट मिला होता।
बता दें कि कर्नाटक और गोवा में कुछ दिनों से राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल रही है। कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन जेडीएस-कांग्रेस के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं गोवा में विपक्षी कांग्रेस के 10 विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। कांग्रेस लगातार ये आरोप लगा रही है कि भाजपा विपक्षी दलों को किसी भी कीमत पर तोड़ रही है। इसके लिए धन और ताकत दोनों तरीकों का इस्तेमाल हो रहा है।
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