राजस्थान: अनिश्चितकाल धरने पर बैठे CM गहलोत खेमे के विधायक, राजभवन पहुंचा टेंट का सामान
जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। हाईकोर्ट के यथास्थिति बनाने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ शुक्रवार को राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुलाकात की। इसके बाद राजभवन में कांग्रेस विधायक विधानसभा के विशेष सत्र की मांग को लेकर नारे लगाते देखे गए। विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर गहलोत खेमे ने राजभवन में धरना शुरू कर दिया है।
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राजभवन में विधायकों ने की नारेबाजी
कांग्रेस विधायक राजभवन के लॉन में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जब तक राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं देंगे तब तक हम धरने पर रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजभवन में टेंट का सामान लाया गया है। माना जा रहा है कि सीएम गहलोत अपने समर्थकों के साथ रातभर धरना जारी रख सकते हैं। सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी विधायकों के साथ धरना पर बैठे हैं।
राज्यपाल पर बरसे गहलोत
राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए। यह लोकतंत्र की परंपरा रही है । परन्तु यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे, अपना बहुमत सिद्ध करेंगे, कोरोना पर बहस करेंगे। बिना ऊपर के दबाव के राज्यपाल इस फैसले (विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला) को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्यपाल महोदय कैबिनेट के फैसले में बाऊंड होते हैं।
गहलोत ने विधायकों के दिए खास निर्देश
मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी विधायकों से कहा, गांधीवादी तरीके से पेश आना है। ये हमारे राजप्रमुख हैं संविधान के हैड हैं। हम कोई टकराव नहीं चाहते। वहीं राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, कैबिनेट बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर फैसला होने के बाद, बहुमत के लिए पर्याप्त विधायकों का समर्थन पत्र महामहिम राज्यपाल महोदय को दिया जा चूका है, लेकिन कुछ अदृश्य शक्तियां महामहिम को प्रजातंत्र के हित में काम नहीं करने दे रही है।
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