कांग्रेस विधायक ने मणिपुर गर्वनर को पत्र लिखकर 'No Confidence Motion'सत्र बुलाने का किया अनुरोध
कांग्रेस विधायक ने मणिपुर गर्वनर को पत्र लिखकर 'No Confidence Motion'सत्र बुलाने का किया अनुरोध
नई दिल्ली।.मणिपुर कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सीएम एन बीरेन सिंह की सरकार के खिलाफ 'नो कॉन्फिडेंस मोशन' पर एक प्रस्ताव को लाने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया हैं। इतना ही नहीं सरकार बनाने के लिए नवगठित सेक्युलर प्रोग्रेस फ्रंट को आमंत्रित करने की बात कही है। मणिपुर के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीएलपी नेता ओकराम इबोबी सिंह ने ये भी कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि वो कांग्रेस से नहीं हटे हैं। वे अभी भी पार्टी के साथ हैं।
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बता दें देश के उत्तर पूर्व में 59 विधानसभा सीटों वाले राज्य मणिपुर में एनडी सरकार मुश्किल में घिर चुकी हैं। राज्य के डिप्टी सीएम जॉयकुमार सिहं समेत कुल नौ विधायकों ने इस्तीफे दे दिए। इनमें से 3 बीजेपी विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले मणिपुर में भाजपा के लिए संकट की स्थिति बन गई है और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए आतुर हैं।
बता दें मणिपुर में एन बीरेन सिंह की सरकार को राज्य की इकलौती राज्यसभा सीट से भाजपा के जीतने की पूरी उम्मीद थी लेकिन अचानक हुए इस घटनाक्रम के बाद इस उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि सीएम को भनक थी कि जॉयकुमार कुछ उठापटक करने वाले थे, लेकिन सीएम राज्यसभा चुनाव संपन्न होने के बाद इस संबंध में कदम उठाना मुनासिब समझ रहे थे जो उन पर अब भारी पड़ता नजर आ रहा हैं।
Manipur Congress Legislative Party leader Okram Ibobi Singh writes to the Governor, requesting to call a special Assembly session to adopt a resolution on 'No Confidence Motion' against CM N Biren Singh's govt&to invite the newly formed Secular Progressive Front to form the govt.
— ANI (@ANI) June 18, 2020
बता दें मणिपुर में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई थी लेकिन 21 सीटें जीतने वाली बीजेपी सहयोगी दलों के समर्थन से राज्य में पहली बार अपनी सरकार बनाने में सफल रही थी। उसे नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने समर्थन किया था। एनपीपी और एनपीएफ के पास 4-4 विधायत है जबकि एक विधायक एलजेपी के पास है। एन निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने भी मणिपुर में बीजेपी सरकार का समर्थन किया था।
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