पंजाब: डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए कांग्रेस के विधायक, कहा-नींद की गोली ली थी
जालंधर। पंजाब में नशा विरोधी मुहिम में अपने बुने जाल में कैप्टन सरकार फंसती हुई दिखाई दे रही है। डोप टेस्ट में कांग्रेस पार्टी के विधायक पॉजिटिव पाए गए है। हालांकि विधायक दावा कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी बीमारी के चलते दवाई लेते हैं। लेकिन विपक्षी दलों के हाथों एक नया मुद्दा लग गया है।
दरअसल, जिला जालंधर के करतारपुर से चुनकर आए कांग्रेस के विधायक सुरिंदर सिंह चौधरी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे पंजाब की सियासत में गर्माहट आ गई है। बताया जा रहा है कि उनके डोप टेस्ट के दौरान लिए यूरीन सैंपल में दिमाग के रसायनों को कंट्रोल करने वाली नशीली दवा बेंजोडाइजेपिन पाई गई है। यह दवा नींद आने के लिए ली जाती है। हालांकि, विधायक ने डॉक्टरों को बताया कि उनकी डिप्रेशन की दवा चल रही है।
लैब कर्मियों ने उनका यूरीन सैंपल लिया था। इसकी रिपोर्ट में डिप्रेशन और नींद की समस्या में इस्तेमाल होने वाली दवा के अंश पाए गए। मौके पर एसएमओ डॉ. तरलोचन सिंह और डॉ. चनजीव भी मौजूद थे। उन्होंने एमएलए सुरिंदर सिंह को बताया कि एक सैंपल पॉजिटिव आया है। सुनकर पहले तो विधायक स्तब्ध रह गए लेकिन बाद में बोले- उनकी माइंड रिलेक्स करने वाली दवा चल रही है। उनके पास डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन है। वह रेस्टिल की गोली खाते हैं।
यह पहला मौका है, जब किसी नेता का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया हो। इससे पहले विधायक बावा हैनरी, विधायक रजिंदर बेरी, सांसद चौधरी संतोख सिंह, विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा, आप विधायक अमर अरोड़ा, लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू अपना डोप टेस्ट करवा चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार, रेस्टिल की गोली में एलप्रेजोलाम नामक साल्ट होता है, जो बेंजोडाइजेपिन ग्रुप की दवा में पाया जाता है। इसका सेवन घबराहट, दिमागी परेशानी, डिप्रेशन, नींद की समस्या और एंग्जाइटी वाले मरीज करते हैं।
इस बीच, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्दर सिंह से अपील की कि सरकारी कर्मचारियों के डोप टेस्ट से महिला कर्मचारियों को अलग रखा जाए। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि महिला कर्मचारियों का डोप टेस्ट नहीं होना चाहिए क्योंकि इनका उन पर मनोवैज्ञानिक और पीड़ा देने वाला प्रभाव हो सकता है।