'हमारे गांव में MeToo के कई उदाहरण हैं, महिलाएं पैसे लेती हैं और मामला दबा देती हैं'
मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने मीटू मूवमेंट को लेकर बेहद विवादित बयान दिया है।
नई दिल्ली। देशभर में मीटू मूवमेंट को लेकर छिड़ी बहस के बीच बॉलीवुड, मीडिया, कॉरपोरेट और सामाजिक क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां यौन शोषण के आरोपों के घेरे में हैं। बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर, पत्रकार विनोद दुआ और पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर जैसे दिग्गज लोगों के नाम इस मूवमेंट में आने के बाद कुछ लोग अब मीटू की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने मीटू मूवमेंट को लेकर बेहद विवादित बयान दिया है।
'निजी हितों को साधने में MeToo का दुरुपयोग'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक गोविंद सिंह से जब मीटू मूवमेंट को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमारे गांवों में मीटू के कई उदाहरण हैं। पीड़ित महिलाएं अक्सर पूरे मामले को दबाने के लिए आरोपी से पैसे ले लेती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो अपने निजी हितों को साधने के लिए इस मूवमेंट का दुरुपयोग कर रही हैं।' अपने बयान के जरिए गोविंद सिंह ने इस मूवमेंट को लेकर आरोप लगाने वाली महिलाओं के इरादों पर भी सवाल खड़े किए हैं। गोविंद सिंह के बयान को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति में विवाद भी खड़ा हो गया है।
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गोविंद सिंह के बयान से मुश्किल में कांग्रेस
आपको बता दें कि हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के ऊपर कई महिला पत्रकारों ने मीटू मूवमेंट के तहत यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा और मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था। यौन शोषण के आरोपों और विपक्ष के हमले के बाद एमजे अकबर ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि अकबर ने आरोप लगाने वाली महिला के ऊपर मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है। ऐसे में कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह का बयान उनकी पार्टी को ही मुश्किल में डाल सकता है।
राहुल गांधी कर चुके हैं MeToo का समर्थन
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर खुद के उन महिलाओं के साथ खड़े होने का दावा किया, जिन्होंने अपने साथ हुए यौन शोषण की घटनाओं को बयां किया। राहुल गांधी इससे पहले भी कई मंचों से जोर देकर इस बात को कह चुके हैं कि वो जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के समान अधिकार और प्रतिनिधित्व में विश्वास रखते हैं। आपको बता दें कि अमेरिका से शुरू हुए मीटू मूवमेंट ने कार्यक्षेत्र में यौन शोषण का दंश झेल चुकी कई महिलाओं को इंसाफ के लिए बोलने की आवाज दी है।
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